यूक्रेन के टुकड़े करने की है रूस की योजना: रूसी समाचार पत्र – Polkhol

यूक्रेन के टुकड़े करने की है रूस की योजना: रूसी समाचार पत्र

मॉस्को:  रूस के समाचार पत्र नोवाय गेजेट ने कहा है कि राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की योजना यूक्रेन को कुछ इस तरह विभावित करने की है कि राजधानी कीव सहित देश का मध्य और पूर्वी हिस्सा रूसी समर्थक रहे जबकि यूरोप से सटे पश्चिमी हिस्सों को छोड़ दिया जाएं ताकि वह जैसा करना चाहते हैं वैसा करें।

रूस की आम जनता नही चाहती युद्ध : दिमित्री मुरातोव

नोवाय गेजेट के प्रधान संपादक एवं पिछले साल फिलिपींस की पत्रकार मारिया रेस्सा के साथ नोबल शांति पुरस्कार हासिल करने वाले दिमित्री मुरातोव ने भी द न्यूयॉर्कर को दिये साक्षात्कार में कहा कि आम रूसी यूक्रेन के खिलाफ युद्ध का समर्थक नहीं है और एक तिहाई से अधिक जनसंख्या सैन्य कार्रवाई के खिलाफ है। मुरातोव ने कहा कि रूसी सरकार की यूक्रेन को कुछ इस तरह से विभाजित करने की योजना है कि यूक्रेन का पश्चिमी हिस्सा जिसका केंद्र लवीव है उस क्षेत्र को उसके हाल पर छोड़ दिया जाए और मध्य यूक्रेन जिसका केंद्र कीव है इस क्षेत्र पर पुतिन समर्थक सरकार का शासन हो। ऐसी सरकार जिसका झुकार रूस की ओर हो न कि पश्चिमी देशों की ओर । उन्होंने कहा कि जहां तक पूर्वी हिस्से की बात है तो पूरा डोनबास का इलाका रूस में विलय स्वीकार कर ले। हकीकत में अधिकतर रूसी लोग सैन्य कार्रवाई के पक्ष में नहीं हैं।

लोग किसी तरह से युद्ध विशेषकर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के समर्थन में नहीं हैं। इस लड़ाई को लेकर रूस में किसी तरह का समर्थन नहीं मिल रहा है बल्कि एक मिलियन लोगों ने चेंज डॉट ऑर्ग प्लेटफार्म पर “ नो टू वार” अभियान पर हस्ताक्षर किये है इतना ही नहीं रूस के बुद्धिजीवी जिनमें लेखक, पत्रकार और वैज्ञानिक आदि शामिल हैें उनका भी कुछ ऐसा ही मानना है।

मुरातोव ने बताया कि सरकार और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में भ्रष्टाचार, रूस की राजनीति और चेचन्या से लेकर पूर्वी यूक्रेन में सैन्य संघर्षों पर आवाज बुलंद करने के कारण वह तीन दशकों से गंभीर खतरा झेल रहे हैं। यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के धुर विरोधी मुरातोव ने पुतिन पर रूसी युवाओं के भविष्य को बरबाद करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम किसी भी तरह से इस युद्ध का समर्थन नहीं करते हैं।

कोई नहीं जानता कि पुतिन युक्रेन में किस हद तक जायेंगे : मुराताेव

मुराताेव ने स्वीकार किया कि कोई नहीं जानता कि पुतिन युक्रेन में किस हद तक जायेंगे। निस्संदेह वह अपनी सोच के हिसाब से दुनिया और यूक्रेन को बनाना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच किसी तरह की बातचीत के कोई सकारात्मक नतीजे निकलने की संभावनाओं से भी इंकार किया। बहुत से रूसी पुतिन के उस विचार से इत्तेफाक नहीं रखते हैं कि नाटो रूस के लिए कोई खतरा है, नाटो ने कभी रूस पर हमला नहीं किया है। यह तर्क कि यूक्रेन पर फांसीवादियों का कब्जा होता जा रहा है इस पर भी स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है। पुतिन ने एक ऐसे देश के खिलाफ मोर्चा खोला है जो दूसरे विश्व युद्ध में करीब 80 लाख लोगों को खो चुका है।

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