लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सातवें और अंतिम चरण में नौ जिलों की 54 सीटों पर सोमवार को लगभग 57.73 प्रतिशत मतदान हुआ। इन सीटों पर 2017 के चुनाव में 59.56 प्रतिशत मतदान हुआ था।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार सातवें चरण में शामिल नौ जिलों में सर्वाधिक मतदान चंदौली जिले में 61.99 प्रतिशत हुआ। जबकि आजमगढ़ में सबसे कम 55 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
इसके अलावा गाजीपुर में 56.54 फीसदी लोग वोट डालने के लिये मतदान केन्द्रों तक पहुंचे। वहीं, वाराणसी में 58.80 प्रतिशत, जौनपुर जिले में 56.45 प्रतिशत, मऊ में 57.02 प्रतिशत, सोनभद्र में 60.74 प्रतिशत, मिर्जापुर में 58.89 प्रतिशत और भदोही में 56.90 प्रतिशत मतदान हुआ।
आयोग का दावा है कि जौनपुर, चंदौली और आजमगढ़ में छिटपुट घटनाओं के कारण मतदान कुछ समय के लिये बाधित होने को छोड़ कर अन्य जिलों में शांतिपूर्ण तरीके मतदान संपन्न हुआ। आजमगढ़ में दो दलों के प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच मामूली झड़प हुयी जिसे पुलिस के दखल के बाद शांत कर दिया गया। जबकि चंदौली में मतदान केन्द्र पर मधुमक्खियों के हमले के कारण लगभग एक घंटे के लिये मतदान को रोकना पड़ा।
जौनपुर जिले की मल्हानी सीट से जदयू प्रत्याशी धनंजय सिंह और सपा प्रत्याशी लकी यादव के समर्थकों के बीच कहासुनी हुयी और मतदान खत्म होने के बाद दोनों गुटों के बीच हवाई फायरिंग भी हुयी। पुलिस सूत्रों के अनुसार दोनों उम्मीदवारों के समर्थक मतदान के दौरान अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए आपस में नारेबाजी करने लगे। पुलिस ने इसकी सूचना मिलने पर तत्काल घटना स्थल पर पहुंच कर हवाई फायरिंग कर भीड़ को तितर बितर कर दिया।
गौरतलब है कि इस चरण में आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, चन्दौली, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही तथा सोनभद्र जिलों की 51 विधानसभा सीटों पर सायं छह बजे तक मतदान हुआ। इनके अलावा 03 सीटों, चंदौली जिले की चकिया (सु) तथा सोनभद्र जिले की राबर्टसगंज एवं दुद्धी (सु) सीट पर सायं चार बजे तक मतदान हुआ। इस चरण के मतदान में 2.06 करोड़ मतदाताओं में से 57.73 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर 75 महिला प्रत्याशियों सहित 613 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद कर दिया।
योगी के कौन से मंत्रियों की प्रतिष्ठा लगी दाव पर, जानें ?
इस चरण के चुनाव में योगी सरकार के जिन मंत्रियाें की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है उनमें, परिवहन मंत्री अनिल राजभर शिवपुर सीट से, स्टांप एवं पंजीयन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल वाराणसी उत्तर सीट से, पर्यटन मंत्री नीलकांत तिवारी वाराणसी दक्षिण सीट से और ऊर्जा राज्य मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल मड़िहान सीट से किस्मत आजमा रहे हैं। इनके अलावा इस चरण के चुनाव मैदान में डटे अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में पूर्व मंत्री दारासिंह चौहान शामिल हैं।
हाल ही में भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए चौहान मऊ जिले की घोसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके अलावा भाजपा के दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी अल्का राय गाजीपुर जिले की मोहम्मदाबाद सीट से चुनाव मैदान मेें हैं। वह इस सीट से मौजूदा विधायक हैं।
सुभासपा के अरविंद राजभर शिवपुर सीट पर परिवहन मंत्री अनिल राजभर को चुनौती दे रहे हैं। पूर्व भाजपा सांसद कृष्ण प्रताप सिंह जौनपुर की मल्हनी सीट पर डटे हैं। इस सीट पर उनका मुकाबला सपा के लकी यादव से है। लकी, पूर्व सपा सांसद पारस नाथ यादव के पुत्र हैं।
मऊ सीट पर बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं जबकि जौनपुर जिले की शाहगंज सीट पर मौजूदा विधायक शैलेन्द्र यादव ललई को सपा ने बतौर उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारा है।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी दलों ने सातवें चरण की 54 सीटों में से 36 पर जीत हासिल की थी, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) ने 11 और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने छह सीटों पर जीत का सेहरा बांधा था।