पटना: बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने भूमि निबंधन को भ्रष्टाचारमुक्त और पारदर्शी बनाने के लिए इसके प्रावधानों की समीक्षा करने और इस संबंध में सदन को अवगत कराने का निर्देश दिया ।
सिन्हा ने मंगलवार को विधानसभा में विजय कुमार खेमका की ध्यानाकर्षण सूचना पर राजस्व मंत्री सुनील कुमार के जवाब के दौरान हस्तक्षेप करते हुए कहा कि भूमि के निबंधन से संबंधित 5527 मामले में जब खुले तौर पर कुछ अनियमितताओं के संकेत मिले हैं, तब इस प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाए जाने की जरूरत है । उन्होंने पूछा कि क्या निबंधन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की जांच और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था मौजूद है। उन्होंने मंत्री से चालू बजट सत्र के दौरान इसकी समीक्षा करने और सदन को सूचित करने को कहा।
खेमका ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से बताया कि किसी भी भूमि की श्रेणी तय करने का अधिकार केवल निबंधन अधिकारी को है और प्रक्रिया में भूमि निबंधन कार्यालय अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने राज्य में जमीन निबंधन कार्य में निबंधन पदाधिकारी को मिले अधिकार का दुरुपयोग कर आम जनों का भूमि निरीक्षण के नाम पर दोहन करने पर रोक लगाने के लिए नियम में संशोधन कर जमीन विक्रेता और क्रेता से शपथ पत्र लेकर जमीन का निबंधन कराने की व्यवस्था कराने की मांग की ।
इस पर मंत्री ने कहा कि इसकी आवश्यकता नहीं है । तब विधायक ने सरकार से एक पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त प्रणाली की मांग करते हुए कहा कि पहले इसका निर्णय जिला अधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचल अधिकारी के सदस्यों के साथ एक समिति द्वारा किया जाता था।
इस पर सभाध्यक्ष ने कहा कि इस समिति से जिलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचलाधिकारी को हटाकर केवल एक अधिकारी को पूरी शक्ति देना अनुचित है। उन्होंने मंत्री से इस प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए इसकी समीक्षा कर सदन को सूचित करने का निर्देश दिया।