पटना: बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि यूक्रेन के सीमावर्ती युद्ध क्षेत्र सुमी से सभी 694 छात्रों को सुरक्षित निकालने का अब तक का सबसे कठिन अभियान भी सफल रहा।
मोदी ने बुधवार को ट्वीट किया कि यूक्रेन के सीमावर्ती युद्ध क्षेत्र सुमी से सभी 694 छात्रों को सुरक्षित निकालने का अब तक का सबसे कठिन अभियान भी सफल रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति जेलेंस्की से दो बार फोन पर बात कर गोलाबारी रुकवाई, जिससे सुमी से छात्रों को निकालना संभव हुआ। हालात ऐसे थे कि सुमी से छात्रों को निकालने के लिए बसें तैयार थीं, लेकिन कोई ड्राइवर जान जोखिम में डालने को तैयार न था।
भाजपा सांसद ने कहा कि ऑपरेशन गंगा के इस अंतिम और सबसे चुनौतीपूर्ण चरण में बिहार के छात्र ही नहीं, बंगलादेश, ट्यूनिशिया और नेपाल के छात्र भी कल तक घर लौट पाएंगे। इनमें एक पाकिस्तानी छात्र भी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को सुरक्षित निकालने के लिए पूरी ताकत लगा दी लेकिन न किसी की नागरिकता देखी और न ही किसी के धर्म से परहेज किया।
मोदी ने कहा कि भारत ने विश्व बंधुत्व के भाव से कोरोना काल में 150 से ज्यादा देशों की सहायता की थी और यूक्रेन में फंसे दूसरे देशों के छात्रों का जीवन भी बचाया। बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद ने भारत का आभार प्रकट किया लेकिन दुर्भाग्यवश देश के भीतर विपक्षी नेताओं ने एक ट्वीट कर भी प्रधानमंत्री मोदी का आभार प्रकट नहीं किया। लगता है कुछ लोगों के लिए राजनीति हजारों छात्रों के जीवन, राष्ट्रधर्म और मानवता से भी बड़ी हो गई है।