इस्लामाबाद: इमरान खान के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार ने सिंध में राज्यपाल शासन लगाने की संभावना से इनकार कर दिया है।
स्थानीय अखबार डॉन की शनिवार की रिपोर्ट के मुताबिक, खान ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर इस पर फैसला लेने की मांग करेगा कि क्या नेशनल असेंबली में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से पहले पीटीआई के दल बदलने वाले नेता अपनी सीट गंवा सकते हैं।
उन्होंने तेजी से बदलते राजनीतिक हालात की समीक्षा करने और अपनी ही पार्टी के असंतुष्टों के मुद्दे पर विचार करने के लिए पीटीआई राजनीतिक समिति की बैठक भी बुलाई है।
इससे पहले उन्होंने एक बैठक की अध्यक्षता की है, जिसमें गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने सिंध में राज्यपाल शासन लागू करने के संबंध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत किया।
गृह मंत्री शेख राशिद ने कहा कि राज्यपाल शासन के संबंध में अभी तक रिपोर्ट पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
यहां तक कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी स्पष्ट किया कि सिंध में राज्यपाल शासन लगाने का सरकार का कोई इरादा नहीं है।
उल्लेखनीय है कि पीटीआई के कई सांसदों ने गुरुवार को सरकार से समर्थन वापस ले लिया।
सूचना मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने कहा कि सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 186 के तहत अनुच्छेद 63ए की व्याख्या के लिए उच्चतम न्यायालय में राष्ट्रपति का संदर्भ दायर करने का फैसला किया है।
सांसदों को जारी किया नोटिस
उन्होंने कहा कि असंतुष्ट सांसदों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे, जिन्हें पार्टी में लौटने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया था और उनसे माफी मांगने के लिए भी कहा गया था।
इमरान को है खतरा गठबंधन सहयोगियों को खोने का
प्रधानमंत्री खान के प्रमुख सहयोगियों ने मीडिया को बताया है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को सदन के वोट में अपने गठबंधन सहयोगियों को खोने का खतरा है।
“वह 100 प्रतिशत खतरे में हैं”
खान के सत्तारूढ़ गठबंधन में चार दलों में से एक के प्रमुख परवेज इलाही ने टेलीविजन प्रसारक एचयूएम न्यूज को बताया, “वह 100 प्रतिशत खतरे में हैं।”
पाकिस्तान के विपक्ष ने खान को सत्ता से बाहर निकालने का प्रयास किया है। उनपर आऱोप लगाया है कि उन्होंने अर्थव्यवस्था, शासन और विदेश नीति का गलत उपयोग किया है।