सिलीगुड़ी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को बीरभूम हिंसा के पीछे साजिश होने का आरोप लगाया और घटना की जांच के दौरान सीबीआई द्वारा भाजपा के निर्देशों का पालन करने पर विरोध प्रदर्शन की धमकी दी।
उत्तर बंगाल के बागडोगरा में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि बोगटुई गांव में हुई घटना में टीएमसी की कोई भूमिका नहीं है, जहां सोमवार रात से मंगलवार तड़के भीड़ द्वारा आठ लोगों को जिंदा जला दिया गया था।
किया जांच का स्वागत लेकिन टीएमसी की भूमिका ना होने का किया दावा
उन्होंने कहा, “मुझे अब भी लगता है कि यह हिंसा किसी की साजिश है। जो कुछ भी हुआ उसमें टीएमसी की कोई भूमिका नहीं है।” उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा आदेशित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच का स्वागत किया, लेकिन कहा कि जांच निष्पक्ष होनी चाहिए।
अगर एजेंसी बीजेपी के निर्देशों का पालन करती है तो हम विरोध करेंगे : ममता
“सीबीआई मामले की जांच कर रही है, यह अच्छी बात है। पूरे मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, लेकिन अगर एजेंसी मामले में केवल बीजेपी के निर्देशों का पालन करती है, तो हम विरोध करने के लिए तैयार हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी कई घटनाएं उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, त्रिपुरा और असम में हुई हैं। लेकिन वहां की सरकार ने टीएमसी कार्यकर्ताओं को मौके पर नहीं पहुंचने दिया।
उन्होंने कहा, “हमने किसी भी पार्टी को बीरभूम हिंसा के बाद पीड़ितों के परिवारों से मिलने से नहीं रोका।”
बनर्जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गवाही देने के बाद एक लड़की को जिंदा जला दिया गया.
“सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था, क्या न्याय दिया गया?”
बनर्जी ने रवींद्रनाथ टैगोर के नोबेल पदक की चोरी में सीबीआई के प्रदर्शन पर भी सवाल उठाया।
बनर्जी ने कहा,“हमने पिछले उदाहरणों में देखा है कि सीबीआई न्याय प्रदान करने में विफल रही है। यह पहली बार नहीं है जब बनर्जी ने इस घटना को बाहरी साजिश करार दिया है। पीड़ितों के परिवारों से मिलने के बाद भी मुख्यमंत्री ने बीरभूम हिंसा के पीछे बाहरी साजिश की बात कही थी.
आरोपी बनाए गए जयादातर लोग टीएमसी के नेता
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक इस मामले में सीबीआई ने जिन लोगों को आरोपी बनाया है उनमें ज्यादातर टीएमसी कार्यकर्ता हैं। इससे पहले शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.
एजेंसी को सात अप्रैल तक रिपोर्ट देने को कहा गया है।
बोगटुई के दौरे के दौरान बनर्जी ने गुरुवार को पुलिस को टीएमसी रामपुरहाट प्रखंड अध्यक्ष अनारुल हुसैन को भी गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था, जो आगजनी और हत्याओं के मुख्य संदिग्ध हैं।
उनके आदेश के तुरंत बाद अनारुल को हत्या, आगजनी, घातक हथियारों से दंगा करने और आपराधिक साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता और बरसल पंचायत के उप प्रमुख भादु शेख के बीते सोमवार शाम उनके आवास के पास एक चाय की दुकान पर हुए बम हमले में मारे जाने के कुछ घंटे बाद भीड़ ने कई घरों में आग लगा दी थी, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी।