दिल्ली 28 मार्च (वार्ता) केंद्रीय भारतीय श्रमिक संघों (सीटू ) की द्वि-दिवसीय देश व्यापी हड़ताल के पहले दिन सोमवार को मिला जुला असर रहा। उद्योग, बैंकिंग, बिजली और खनन क्षेत्र में कामकाज प्रभावित हुआ जबकि सड़क परिवहन, रेल और बाजारों में सुचारु परिचालन देखा गया।
निजीकरण, मजदूर विरोधी नीतियों और महंगाई के विरुद्ध आहूत की गयी सीटू की इस हड़ताल में भारतीय जनता पार्टी समर्थक भारतीय मजदूर संघ शामिल नहीं है।
श्रमिकों के समर्थन में वामपंथियों और द्रविड़ मुनेत्र कषगम ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया।
सीटू ने दावा किया है कि केरल, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, हरियाणा और तमिलनाडु में हड़ताल का व्यापक असर हुआ है। औद्योगिक संस्थानों सहित बैंक, वित्तीय संस्थान और यातायात व्यवस्था प्रभापित रही है। सीटू ने बैेंकिंग और बीमा क्षेत्र में हड़ताल का सफल बताया है। केंद्र और राज्य सरकार के संबंधित संस्थानों के कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इसके अलावा दूरसंचार, बंदरगाह, पेट्रोलियम, इस्पात, सीमेंट, कोयला और बिजली में पूर्ण हड़ताल रही और कोई कामकाज नहीं हुआ। कपड़ा और परिधान क्षेत्र में भी कामकाज नहीं हुआ।
सीटू ने कहा कि लगभग 80 लाख आंगनवाडी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं और मिड मील कार्यकर्ता ने भी हड़ताल का समर्थन किया है। इसके अलावा निर्माण मजदूरों, बीड़ी श्रमिकों, रेहड़ी पटरी दुकानदारों, घरेलू कामगारों, ओर सफाई कर्मियों ने भी हड़ताल में भाग लिया। ग्रामीण क्षेत्राें में खेतिहर मजदूरों और मनरेगा मजदूरों ने भी हड़ताल का समर्थन किया।