हमीरपुर। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में बाढ़ के खतरे से हमेशा घिरे रहने वाले करीब 300 गांवों को बचाने के लिये 28 बिंदुओं पर आपदा प्रबंध योजना तैयार करने के आदेश सरकार ने दिये हैं।
संबंधित गांवों में दैवीय आपदा आने के बाद इन गांवों का योजना के तहत तुरंत पुनरुद्धार किया जा सकेगा। इसके लिये शासन ने जिले में पहली बार दैवीय आपदा विशेषज्ञ की नियुक्ति की है।
जिला आपदा विशेषज्ञ प्रियेश रंजन मालवीय ने बुधवार को बताया कि अभी तक जिला स्तर पर दैवीय आपदा प्रबंध योजना तैयार की जाती थी जिससे ग्राम स्तर पर ग्रामीणों को हर बिंदु पर लाभ नही मिल पाता था मगर अब सरकार ने ग्राम आपदा जोखिम न्यूनीकरण योजना तैयार कर आपदा से घिरे गांवों में भौगोलिक स्थिति,जनसंख्या,शिक्षा,सड़क,रेलवे समेत 28 बिंदुओ पर प्रबंध योजना तैयार कर रही है।
उन्होने बताया कि इन संवेदनशील गांवो में ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य,शिक्षा,साक्षरता,पेेयजल,स्वच्छता, पशुपालन, आजीविका, राजनैतिक गतिविधिया,सार्वजनिक संपत्ति जो बाढ से खतरे में हो,संशाधनो की सूची,भौगोलिक क्षेत्रफल में संबंधित गांवों में किस जाति के कितने लोग रह रहे है इसका विस्तृत विवरण भी मांगा गया है। आपात स्थिति में आसपास के गांवों का क्या सहयोग रहता है,ग्राम समाज द्वारा गठित समितियां,वरिष्ठ नागरिको,गर्भवती माताओं की सूची,गांव में कार्यरत सामुदायिक संगठनों की गतिशीलता की योजना तैयार करना है।
यह प्रबंध योजना माह अप्रैल तक हर हाल मे तैयार कर इसका अभिलेख तहसील स्तर व जिला स्तर पर देना है। इसके लिये सभी उपजिलाधिकारियों को आदेश कर दिया गया है। शासन ने गोरखपुर जिले के कैली गांव में बनायी गयी
प्रबंध योजना की रिपोर्ट कापी भेजी है ताकि उसी के आधार पर संपूर्ण रिपोर्ट को अंतिम रुप दिया जा सके। शासन ने जो जिले आपदा के तहत अतिसंवेदन शील है उनमे आपदा विशेषज्ञ की नियुक्ति कर दी है ताकि आपदा से संबंधित हर टेक्नीकल मामले में नजर रखी जा सके।
इन गांवों को आपदा से कैसे बचाया जा सकता है फौरी तौर पर कौन सी योजना बनायी जा सकती है आपदा
आने के बाद तुंरत कैसे राहत पहुचायी जाये इन बिंदुओ की जानकारी आपदा विशेषज्ञ देगे। जिले में बाढ़ आने के बाद तीन सौ गांवो के हजारो लोग प्रभावित होते थे।