लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में जनसमस्याओं के निराकरण में विलंब होने पर संबद्ध अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने और किसानों से गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।
निस्तारण की जवाबदेही भी तय करने के निर्देश दिये
योगी ने बुधवार को विभागों के कामकाज की समीक्षा बैठक में इन निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने को कहा। उन्होंने जनसमस्याओं का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में किसी भी स्तर पर शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने समस्याओं के निस्तारण की जवाबदेही भी तय करने के निर्देश दिये हैं।
विभागीय प्रस्तुतियां सम्बंधित मंत्री द्वारा ही की जाएंगी : योगी
उन्होंने कहा कि कैबिनेट के समक्ष विभागीय प्रस्तुतियां सम्बंधित मंत्री द्वारा ही की जाएंगी, संबद्ध विभाग के अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव केवल उनकी सहायतार्थ उपस्थित होंगे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि प्रदेश के सभी विभागाध्यक्ष अपने अधीनस्थ कार्यालयों का औचक निरीक्षण करें। कार्यालयों में स्वच्छता, समस्याओं के निस्तारण से जुड़ी फाइलों के लंबित होने की स्थिति, जन शिकायतों के निस्तारण की स्थिति, कार्मिकों की उपस्थिति, समयबद्धता आदि की वस्तुस्थिति का परीक्षण किया जाये।
‘स्कूल चलो अभियान’ को वृहद स्वरूप दिया जाना आवश्यक : योगी
शिक्षा विभाग की कार्यसमीक्षा करते हुए योगी ने कहा कि कोरोना काल में दो शैक्षिक सत्र प्रभावित रहने के कारण भौतिक पठन-पाठन नहीं हो सका। अतः आगामी सत्र की शुरुआत से पूर्व ‘स्कूल चलो अभियान’ को वृहद स्वरूप दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने विभागीय मंत्री के परामर्श इस से अभियान के संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को कहा। जिससे कि एक भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित न रहे।
बच्चों की यूनीफॉर्म आदि के लिए धनराशि सीधे अभिभावक के बैंक खाते में भेजे जाने की व्यवस्था की गई
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यवस्था की पारदर्शिता और अभिभावक की सुविधा के दृष्टिगत बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में बच्चों की यूनीफॉर्म आदि के लिए धनराशि सीधे अभिभावक के बैंक खाते में भेजे जाने की व्यवस्था की गई है। इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि बच्चे निर्धारित स्कूल ड्रेस में ही विद्यालय आएं।
कृषि विभाग की समीक्षा के क्रम में योगी ने किसानों से गेहूं की एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गेहूं खरीद की प्रक्रिया आगामी 01 अप्रैल से प्रारंभ हो रही है। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी क्रय केंद्र पर किसानों को समस्या न हो। गेहूं का भंडारण गोदाम में हो या क्रय केंद्र पर, हर जगह गेहूं की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किये जायें। प्रत्येक दशा में किसानों को एमएसपी का लाभ मिलना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी क्रय केन्द्रों पर पूरी पारदर्शिता के साथ गेहूं खरीद कराई जाये जिससे किसान को अपनी उपज बेचने में कोई असुविधा न हो और उन्हें उपज का समयबद्ध ढंग से भुगतान मिल जाये।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में निवेश कर रहीं औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा इंसेंटिव प्रदान किया जा रहा है। ऐसे सभी प्रकरणों की गहन समीक्षा कर यथाशीघ्र यथोचित समाधान किया जाये।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष आग लगने के कारण गेहूं की फसल जलने की दुःखद घटनाएं होती हैं। इस संबंध में सुरक्षा के आवश्यक उपाय किये जाने चाहिये। यदि किसी किसान की फसल बिजली के तार गिरने या आग लगने से जलती है तो उसे भी मंडी समिति के माध्यम से फसल बीमा योजना के दायरे में रख कर नियमानुसार मुआवजा दिया जाये।