बेंगलुरु। कर्नाटक के राज्यपाल टीसी गहलोत, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और कई गणमान्य शख्सियतों ने शुक्रवार को यहां बेंगलुरु के श्री कांतीरवा स्टेडियम में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (केआईयूजी) 2021 के लोगो, जर्सी और एंथम का अनावरण किया।
पिछले साल कोराेना महामारी के संकट के कारण स्थगित किया गया यह इवेंट केआईयूजी का दूसरा संस्करण होगा। 2020 में ओडिशा ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की मेजबानी की थी। इस अवसर पर मेजबान राज्य कर्नाटक द्वारा खेलों के लाइव अपडेट के लिए खेलो इंडिया ऐप भी लॉन्च किया गया। गहलोत ने जहां खेलों के लोगो और आधिकारिक शुभंकर वीरा का अनावरण किया, वहीं ठाकुर ने खेलों की आधिकारिक जर्सी के साथ-साथ एंथम को लॉन्च किया, जिसे चंदन शेट्टी और निखिल जोशी ने गाया है। कर्नाटक सरकार के खेल मंत्री डॉ. केसी नारायण गौड़ा, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. अश्वत्नारायण सीएन और अन्य गणमान्य लोग भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
कर्नाटक के राज्यपाल ने अपने संबोधन के दौरान खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के दूसरे संस्करण की मेजबानी के लिए कर्नाटक को चुनने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया। गहलोत ने कहा कि केआईयूजी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खेलो इंडिया के सपनों के कार्यक्रम का हिस्सा है। उन्होंने भारतीय एथलीटों के टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन की तारीख करते हुए कहा कि केआईयूजी देश के खेल कौशल में और इजाफा करेगा। गहलोत ने युवाओं से केआईयूजी में पूरे जोश के साथ भाग लेने की अपील की और साथ ही खेलों के प्रति जागरुकता फैलाने पर भी जोर दिया।
ठाकुर ने कहा, “ खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स एक ऐसा मंच है, जिसके माध्यम से हम एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और ओलंपिक के लिए प्रतिभा की पहचान करना चाहते हैं। इस साल देश भर के 20 खेलों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 4500 एथलीट खेलों में भाग लेंगे और मुझे विश्वास है कि हम कम से कम कुछ ऐसे खिलाड़ी ढूंढ पाएंगे जो आगामी ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। ”
केंद्रीय खेल मंत्री ने केआईयूजी को हरित खेल घोषित करने पर कर्नाटक को बधाई भी दी। उन्होंने कहा, “ हरित खेल के रूप में केआईयूजी बेंगलुरु एक गेमचेंजर है, क्योंकि आप न केवल खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, आप पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और ऐसे समय में जब हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पर्यावरण के मुद्दों में नेतृत्व की भूमिका के लिए भारत को आगे बढ़ा रहे हैं। ”
ठाकुर ने कहा, “ खेलों के हरित भाग के रूप में यह निर्णय लिया गया है कि खेल के मैदान के बाहर खेलों में इस्तेमाल की जाने वाली हर चीज पुन: प्रयोज्य सामग्री से बनी होगी। इसके अलावा परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा और सभी कूड़े-कचरे को प्रत्येक स्थान पर गीले और सूखे के रूप में अलग किया जाएगा, इसलिए यह जीरो-वेस्ट, जीरो-प्लास्टिक खेल होंगे। ”
उल्लेखनीय है कि खेलों इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2021 में कुछ खेल पहली बार शामिल किए जा रहे हैं। 20 खेल विधाओं के बीच प्रतियोगिता श्रेणी में योगासन और मल्लखंब पहली बार जगह बना रहे हैं। ठाकुर ने इस निर्णय के बारे में कहा, “ भारत का खेल इतिहास हजारों साल पुराना है और यह केंद्रीय खेल मंत्रालय का प्रयास है कि हमारे सदियों पुराने खेल को बढ़ावा दिया जाए। हमारे प्रधानमंत्री के प्रयासों के कारण ही विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया और इस वर्ष हमारे मंत्रालय ने भी योगासन को एक खेल के रूप में मान्यता दी है। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि इस साल के केआईयूजी में हमारे पास दो पारंपरिक खेल होंगे और पूरे साल ग्रामीण और स्वदेशी खेलों के लिए भी एक ठोस योजना है। ”
अनुराग ठाकुर ने इस मौके पर केआईयूजी के मेजबान विश्वविद्यालय जैन विश्वविद्यालय को शिक्षाविदों के साथ-साथ खेलों को बढ़ावा देने में उनकी सक्रिय भूमिका के लिए बधाई दी और कहा कि भारत में और भी विश्वविद्यालयों को अपने परिसर में खेलों को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने भारतीय विश्वविद्यालय संघ को विश्वविद्यालय स्तर के खेलों को बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिए बधाई दी।
खेल मंत्री ने कार्यक्रम के साक्षी बने तीन हजार छात्र समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, “ जब खेल, शिक्षा और पर्यावरण की बात आती है तो युवा सबसे बड़ा हितधारक होता है, इसलिए देश का वर्तमान और भविष्य होने के नाते इन मुद्दों में आपको महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।