दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें वर्तमान स्तर पर बरकरार रखने घोषणा की। इससे लोक भविष्य योजना (पीपीएफ), राष्ट्रीय बचत पत्र और सुकन्या समृद्ध जैसी योजनाओं पर वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में ब्याज दरें वर्तमान स्तर पर बनी रहेंगी।
बाजार को उम्मीद थी कि सरकारी प्रतिभूतियों पर यील्ड (निवेश-प्रतिफल) में वृद्धि और बैंकों की सावधि जमा योजनाओं पर ब्याज बढ़ने के रूझान को देखते हुए सरकार अप्रैल-जून तिमाही के लिए लघुबचत योजनाओं पर ब्याज बढ़ा सकती है।
वित्त मंत्रालय की एक अधिसूचना में कहा गया है, “विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज की दर वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही अप्रैल-जून के दौरान वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2022) के लिए लागू दर के स्तर पर अपरिवर्तित रहेगी।”
सरकार इन योजनाओं में देय ब्याज की हर तिमाही में समीक्षा करता है। सरकार ने पिछली नौ तिमाहियों से इन दरों में बदलाव नहीं किया है।
आज के फैसले के अनुसार जमाकर्ताओं को अगली तिमाही के लिए पीपीएफ पर ब्याज 7.1 प्रतिशत, सुकन्या समृद्धि योजना पर 7.6 प्रतिशत, एनएसई पर 6.8 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर ब्याज 7.4 प्रतिशत मिलेगा।
इकरा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, “हमें लग रहा था कि बचत योजनाओं पर सरकार अगली तिमाही में ब्याज दरें बढ़ा सकती हैं क्योंकि पिछले तीन महीने से सरकारी प्रतिभूतियों पर निवेश प्रतिफल बढ़ रहा है और बैंकों की जमाव पर भी ब्याज में हल्की तेजी हुयी है।”
नायर का अनुमान है कि इस वर्ष के मध्य तक नीतिगत ब्याज दर में हल्की वृद्धि का दौर शुरू हो सकता है और अगस्त-अक्टूबर 2022 की तिमाही में रिजर्व बैंक की रेपो दर 0.5 प्रतिशत बढ़ाई जा सकती है और इसका असर अल्पबचत योजनाओं पर दिखेगा।