दिल्ली। सरकार द्वारा वाणिज्यक कोयले के लिए खनन प्रखंडों की नीलामी के ताजा दौर में प्रस्तुत पांच में तीन कोयला प्रखंडों की बोली जिंदल स्टील एंड पावर ने जीती है। शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार कंपनी ने राजस्व में 15.25 प्रतिशत की पेशकश कर के ओडिशा में वाणिज्यिक कोयला खनन उद्देश्यों के लिए आरक्षित दो कोयला प्रखंड और छत्तीसगढ़ में एक कोयला प्रखंड हासिल किए हैं।
बयान के अनुसार इस कंपनी को ओडिशा में मिले इन दो प्रखंडों- उत्कल बी1 और बी2 में अनुमानित 34.7 करोड़ टन कोयले का भूगर्भीय भंडार है। इनमें से अधिकतम क्षमता पर सालाना 80 लाख टन कोयला निकासी की संभावना है।
कंपनी ने छत्तीसगढ़ में गारे पाल्पमा 4/6 कोयला प्रखंड का भी अधिकार जीता है। इसके लिए उसने 85.25 प्रतिशत राजस्व की हिस्सेदारी की पेशकश की है। इस प्रखंड में 16.7 करोड़ टन का भंडार है और उच्चतम क्षमता पर सालाना 40 लाख टन कोयले की निकासी संभव है।
नीलामी के इसी दौर में ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड ने झारखंड में रबोडीह कोयला प्रखंड हासिल किया है जिसमें 13.3 करोड़ टन भंडार है।उसने इसके लिए छह प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी की पेशकश की है।इस खान से अधिकतम क्षमता पर सालाना 25 लाख टन कोयले की निकासी हो सकती है।
एक अन्य कंपनी बीएस इस्पात ने राजस्व में 53 प्रतिशत हिस्सेदारी देने की बोली लगा कर महाराष्ट्र में चिनोरा कोयला खदान का अधिकार प्राप्त किया है। वहां 1.8 करोड़ टन का भंडार है और अधिकतम क्षमता पर इस प्रखंड से सालाना 2.6 लाख टन कोयला निकाला जा सकता है।
बयान के अनुसार ई-नीलामी के पहले दिन, पांच कोयला खदानों (सीएमएसपी अधिनियम के तहत) को नीलामी के लिए रखा गया था। इन सभी में भंडार की खोज की जा चुकी है। इन में कुल मिला कर कोयला भूगर्भीय भंडार 66.5 करोड़ टन है और इनसे उच्चतम क्षमता पर प्रति वर्ष 1.4 करोड़ टन से अधिक कोयला निकाला जा सकता है।
इन परियोजनाओं में कुल 2,200 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होने और 20000 लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है।