कोलंबो। श्रीलंका में चल रहे आर्थिक संकट के बीच लोगों में राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे के खिलाफ बढ़ रहे आक्रोश और उनके इस्तीफे की लगातार बढ़ रही मांग के बावजूद सरकार ने बुधवार को स्पष्ट कर दिया कि राष्ट्रपति किसी भी परिस्थिति में इस्तीफा नहीं देंगे।
देश में जारी संकट पर चर्चा के लिए बुधवार को संसद का विशेष सत्र बुलाया गया था। चर्चा के दौरान सरकार के मुख्य सचेतक जॉनसन फर्नेंडो और समागी जन बालवेगया (एसजेबी) पार्टी के सांसद नलिन बांद्रा के बीच हुई तीखी बहस के 10 मिनट बाद ही संसद की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी।
फर्नेडो ने कहा, “ एक जिम्मेदार सरकार की तरह हम घोषणा करते हैं कि राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे किसी भी स्थिति में अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे।”
न्यूज वायर की रिपोर्ट के अनुसार संसद में विपक्षी दल एसजेबी के सदस्यों ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया और ‘गोतबया वापस जाओ’ के नारे लगाये।
देश में राष्ट्रपति और उनकी सरकार के खिलाफ जारी आक्रोश और उनके इस्तीफे की बढ़ रही मांग के बीच श्री राजपक्षे ने राजनीतिक बैठकें कर सभी पार्टियों को सोमवार को साफ कर दिया कि वह राष्ट्रपति पद से इस्तीफा नहीं देंगे।
श्रीलंका 1948 में आजादी के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट के कारण जन विद्रोह से जूझ रहा है।
राजपक्षे मंत्रिमंडल ने पहले ही इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति ने एक राष्ट्रीय सरकार बनाने के लिए विपक्षी दलों के सांसदों से सहायता मांगी है और बदले में मंत्रिमंडल में जगह दिये जाने का आश्वासन भी दिया है लेकिन विपक्षी सांसदों ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया है और उन्हें इस्तीफा देने को कहा है। राष्ट्रपति ने दो अप्रैल को लगाये गये आपातकाल के फैसले को मंगलवार को वापस ले लिया।