उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी का इतिहास बदलने में बड़ी भूमिका निभाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भाजपा का शीर्ष नेतृत्व बड़ा ईनाम दे सकता है। योगी आदित्यनाथ को लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री के पद पर आसीन करने वाली भारतीय जनता पार्टी अब उनको संसदीय बोर्ड में शामिल कर सकती है, जिसमें भाजपा के शीर्ष 11 नेता होते हैं। संसदीय बोर्ड ही पार्टी के अहम फैसले पर मुहर भी लगाती है
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी कर्मस्थली गोरखपुर में तीन दिन का प्रवास समाप्त करने के बाद लखनऊ आ रहे हैं। माना जा रहा है कि जल्दी ही उनका नई दिल्ली का दौरा भी होगा। भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अब योगी आदित्यनाथ की अहम भूमिका को लेकर जल्दी ही बड़ा फैसला भी कर सकता है। सीएम योगी आदित्यनाथ के नई दिल्ली जाने के बाद भाजपा उनको संसदीय बोर्ड का सदस्य बनाने की घोषणा भी कर सकती है। भारतीय जनता पार्टी संसदीय बोर्ड में कुल 11 सदस्य होते हैं, अभी जिसमें से चार पद खाली हैं। इनमें से एक नाम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का भी हो सकता है।
भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर लड़ा था। भाजपा को बड़ी जीत मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर भाजपा हाई-कमान बड़ा फैसला ले सकता है। माना जा रहा है कि भाजपा हाईकमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जल्दी ही भाजपा संसदीय सदस्य बना सकती है।
भाजपा संसदीय दल के 11 सदस्यों में से सुषमा स्वराज और अरुण जेटली के निधन बाद उनके दो पद खाली हो गए थे। इसके बाद थावरचंद्र गहलोत के राज्यपाल बनने और वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने के बाद से दो और पद रिक्त हैं। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से खाली होने के बाद अब संसदीय बोर्ड पर फोकस कर रहा है। जल्दी ही इसके चारों पद भरे जाएंगे। जिसमें से एक पद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मिल सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम के साथ ही तीन अन्य पद पर भाजपा के कुछ दूसरे वरिष्ठ नेताओं को आसीन किया जाएगा।