दिल्ली। भारत और मलेशिया ने आज 5वां विदेश कार्यालय परामर्श आयोजित किया, जिसमें दोनों पक्षों ने समग्र द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय तंत्र को फिर से सक्रिय करने की इच्छा व्यक्त की।
भारत की ओर से विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) और मलेशिया के तरफ से विदेश मंत्रालय में द्वपक्षीय मामलों के उप महासचिव दात अमरान बिन मोहम्मद जिन ने मलेशिया के पुत्रजया में वें विदेश कार्यालय परामर्श की सह अध्यक्षता की।
इस यात्रा के दौरान सचिव (पूर्व) ने मलेशिया के विदेश मंत्री दातो सैफुद्दीन अब्दुल्ला से भी मुलाकात की और भारत-मलेशिया द्विपक्षीय संबंधों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
विदेश कार्यालय परामर्श के दौरान भारत और मलेशिया के बीच बहुआयामी संबंधों की समीक्षा करते हुए, दोनों पक्षों ने 2015 की बढ़ी हुई रणनीतिक साझेदारी के ढांचे के भीतर समग्र द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि विदेश कार्यालय परामर्श ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा करने और पारस्परिक हित के समकालीन क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
दोनों पक्षों ने बढ़ते आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों पर संतोष व्यक्त किया और व्यापक क्षेत्रों में सहयोग को और तेज करने के लिए दोनों पक्षों की साझा प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए कोविड के बाद के समय में संबंधों के तेजी से फिर से बढ़ाने की आशा व्यक्त की।
दोनों पक्ष विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय तंत्र को फिर से सक्रिय करने के लिए काम करने और आगामी आयोजित होने वाली अगली मंत्रिस्तरीय संयुक्त आयोग की बैठक में परिणाम पेश करने के लिए सहमत हुए।
गौरतलब है कि इस वर्ष दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 65 वर्ष पूरे हो रहे हैं, इसलिए दोनों पक्षों ने स्मारक कार्यक्रम आयोजित करने पर सहमती जताई। जिसमें नयी दिल्ली में पारस्परिक रूप से सुविधाजनक समय पर अगला एफओसी आयोजित करने पर सहमति बनी।