खरगोन। मध्यप्रदेश के हिंसा ग्रस्त खरगोन जिला मुख्यालय के दिव्यांग वसीम अहमद शेख ने ‘यू-टर्न’ लेते हुए वायरल वीडियो के माध्यम से कहा है कि प्रशासन ने उसका किसी तरह का नुकसान नहीं किया है और अफवाहों पर ध्यान न देकर पूर्ववत शांति कायम करने का प्रयास करें।
कल देर रात जारी वीडियो में संजय नगर निवासी वसीम अहमद शेख ने कहा कि उसके विरुद्ध किसी भी किस्म की पुलिस कार्रवाई नहीं की गई है और न ही उसका प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कोई मकान तोड़ा गया है। साथ ही उसकी गुमटी को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया है। उसने कहा कि किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान ना देते हुए शहर में शांति कायम करने पर ध्यान दें।
खरगोन की मुख्य नगरपालिका अधिकारी प्रियंका पटेल ने कहा कि वसीम अहमद शेख को लेकर सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही समस्त जानकारियां गलत पाई गईं हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में गुमटी तोड़ने का बयान वसीम ने दिल्ली के कुछ लोगों द्वारा उसे लाभ दिलाए जाने के चलते दिया था। उन्होंने बताया कि वसीम फिलहाल अपने भतीजे की सहायता से बर्फ गोला का ठेला लगाकर व्यवसाय करता है। उन्होंने कहा कि अफवाह फैलाने को लेकर प्रशासन सख्त है और ऐसे में पुलिस कार्रवाई की जाएगी।
खरगोन के एसडीएम मिलिंद ढोके और तहसीलदार योगेंद्र सिंह मौर्य ने बताया कि दंगों के दूसरे दिन अतिक्रमण विरोधी दस्ते ने छोटी मोहन टॉकीज क्षेत्र में सड़क किनारे शासकीय भूमि पर रखी खाली और जर्जर गुमटी को हटाया था। वसीम ने उसके विरुद्ध किसी भी प्रकार की पुलिस कार्रवाई, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित मकान या गुमटी तोड़ने की बात से स्पष्ट इंकार किया है।
पूर्व में सोशल मीडिया पर वसीम अहमद शेख ने कहा था रामनवमी पर हुए दंगे के दूसरे दिन कर्फ्यू ग्रस्त खरगोन में प्रशासन द्वारा अतिक्रमण रोधी कार्रवाई के दौरान छोटी मोहन टॉकीज क्षेत्र के चांदनी चौक में उसके रोजगार का एकमात्र सहारा गोली बिस्किट की गुमटी तोड़ दी गई थी। हालांकि उसने स्वीकार किया था कि वह गुमटी शासकीय भूमि पर हो सकती थी और यदि उसे पूर्व में सूचना मिल जाती तो वह उसे हटा लेता।