अखिल भारतीय आशा कर्मचारी महासंघ के द्वितीय त्रैवार्षिक महाअधिवेशन में उत्तराखंड की ललितेश विश्कर्मा ने उठाई ज्वलंत समस्यायें – Polkhol

अखिल भारतीय आशा कर्मचारी महासंघ के द्वितीय त्रैवार्षिक महाअधिवेशन में उत्तराखंड की ललितेश विश्कर्मा ने उठाई ज्वलंत समस्यायें

उत्तराखंड से दो दर्जन से अधिक आशाओं ने की सहभागिता

बालाघाट (म. प्र.) / देहरादून। भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध अखिल भारतीय आशा कर्मचारी महासंघ के द्वितीय त्रैवार्षिक महाअधिवेशन में ललितेश विश्कर्मा ने उत्तराखंड की ओर से उठाई ज्वलंत समस्यायें उठाते हुये कहा कि केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य मिशन के कार्यक्रमों को साकार करने में जितनी जी जान से आशा बहनें लग कर योजनाओं का क्रियान्वित करती हैं उनका उतना ही शोषण और उत्पीड़न राज्य सरकारों और एनएचआरएम के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा किया जाता है तथा सरकार की ओर से प्रदत्त स्वास्थ्य सामिग्री व किट और स्टेशनरी भी क्षेत्रानुसार पर्याप्त उपलब्ध नहीं कराई जाती है।
यही नहीं आशाओं को मिलने वाला पारिश्रमिक और मानदेय समय पर न देकर कई कई महीने तक नहीं दिया जाता और जानबूझकर लटकाया जाता है।

ललितेश ने कहा कि मैदानी क्षेत्रों की अपेक्षाकृत पर्वतीय क्षेत्रों में काम करने वाली आशाओं को घर-घर जाने और उनको स्वास्थ्य योजनाओं के पात्र परिवारों और जरूरतमंदों, प्रसूति महिलाओं व जच्चा बच्चा को फौरी सहायता पहुँचाने में होने वाली दिक्कतों को अधिकारी गम्भीरता से नहीं लेते जिससे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अपने लक्ष्य को उतनी तत्परता से पूरा नहीं कर पाता। यदि सुदूरवर्ती क्षेत्रों में काम करने वाली अशांत को स्वास्थ्य विभाग व चिकित्सक सहयोग करें तो उसके बेहतर  परिणाम और अधिक देखने को मिलेंगे।

इसी प्रकार कोरोनाकाल में आशाओं द्वारा अपनी व अपने परिवार के जीवन की चिन्ता न करके जिस प्रकार योगदान दिया गया और सराहनीय भूमिका निभाई गयी उसके लिए हमारी आशा बहनें वधाई के पात्र हैं। केन्द्र सरकार व राज्य सरकारों से यह भी माँग की अशांत के मानदेय 18हजार रुपये प्रतिमाह किया जाये तथा हर माह मिलने वाले भुगतान व प्रोत्साहन राशि के भुगतान की एक तिथी निर्धारित किया जाये। कोरोना अभी समाप्त नहीं हुआ है तथा हम आशाओं से कोविड का कार्य भी निरन्तर लिया जा रहा है अतः कोविड की मिलने वाली धनराशी को आगे भी जारी रखा जाए।

ज्ञात हो कि उक्त अधिवेशन मध्य प्रदेश के बालाघाट में माँ नर्मदा की नगरी में हो रहा है। गत दिवस अधिवेशन के पहले दिन मंच अध्यक्षता ललितेश विश्वकर्मा ने की थी।
इस अधिवेशन में बहुत सुन्दर और प्रशंसनीय व्यवस्था बालाघाट के आशाओं द्वारा की गयी। उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों से लगभग 24 से अधिक आशा बहनें व पदाधिकारी सम्मिलित हुए।

ज्ञात हो कि इससे पूर्व पहले अधिवेशन की मेजमानी रिषीकेश, देहरादून में 2018 में की गयी थी। इस आधिवेशन में केन्द्रीय मंत्री सुरेन्द्र पाण्डे, उत्तराखंड से प्रान्तीय अध्यक्ष संजीव विश्नोई, पवित्रा विष्ट, सुनीता राणा, वुद्धिप्रसाद थपलियाल, कमला राणा, ललिता देवी, गीता देवी, संगीता, सुमित्रा थपलियाल, अनीता चमोली, शकुन्तला, उर्मिला, दीक्षा, कौशल्या, ममता आदि सम्मिलित हुई तथा आशा फैसीलिटेटर महामंत्री रेनू नेगी सहित अनेकों लोगों ने उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व किया।

अधिवेशन में बालाघाट की आशाओं और कार्यकर्ताओं द्वारा बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति भी प्रस्तुत की गयी और सराहनीय व्यवस्था को गयी। ब्लास्ट के मेजमान टीम द्वारा  उत्तराखंड की प्रदेश महामंत्री ललितेश विश्वकर्मा का जोर शोर से स्वागत भी किया गया जिसके लिए ललितेश ने मेजमानों और बालाघाट की आशा बहिनों का आभार भी व्यक्त किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *