मुंबई। निजी क्षेत्र के येस बैंक ने शनिवार को बताया कि 31 मार्च 2022 को समाप्त तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 367.46 करोड़ रुपये रहा। आलोच्य तिमाही में बैंक की ब्याज-आय बढ़ने और कर्ज पर नुकसान के लिए प्रावधान कम होने से लाभ में सुधार हुआ। बैंक को वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में 3,787.75 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
बैंक ने शेयर बाजारों को बताया कि चौथी तिमाही में उसकी शुद्ध ब्याज-आय (एनआईआई) एक साल पहले की इसी तिमाही की तुलना में 84.4 प्रतिशत बढ़कर 1,819 करोड़ रुपये रही। मार्च 2021 को समाप्त हुयी चौथी तिमाही में एनआईआई 987 करोड़ रुपये थी।
बैंक का एनपीए (अवरुद्ध ऋणों) के मद में किया जाने वाला प्रावधान आलोच्य तिमाही में एक साल पहले की तुलना में 94.7 प्रतिशत घटकर 271 करोड़ रुपये रहा।
वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल-मार्च) की पूरी अवधि में बैंक का कुल शुद्ध लाभ 1,066 करोड़ रुपये था जबकि इससे पिछले साल बैंक को 3,462 करोड़ रुपये की हानि हुयी थी।
बैंक ने कहा,”वित्त वर्ष 2018-19 के बाद उसे पहली बार वित्त वर्ष 2021-22 के पूरे वर्ष में लाभ प्राप्त हुआ है।”
बैंक का एनआईआई वित्त वर्ष 2021-22 में 12.5 प्रतिशत गिरकर 6,498 करोड़ रुपये रहा जोकि इससे पिछले वित्त वर्ष में 7,429 करोड़ रुपये था।
पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में एनपीए के लिए प्रावधान 84.2 प्रतिशत घटकर 1,480 करोड़ रुपये रहा।
बैंक के एक बयान के मुताबिक अप्रैल-मार्च(2021-22) के दौरान उसकी बैलेंस शीट 16 प्रतिशत बढ़ी और ऋण जमा अनुपात सुधरकर 91.8 प्रतिशत रहा। वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में ऋण और जमा का अनुपात 95.6 प्रतिशत रहा इससे पिछले वित्त वर्ष के दौरान ऋण जमा अनुपात 102.4 प्रतिशत रहा।
बैंक ने 2021-22 में 70 हजार करोड़ रुपये के नए ऋण दिए और 11.4 लाख नए चालू और बचत बैंक खाते खोले। इससे पिछले वित्त वर्ष खोल गए नए खातों की संख्या 6.6 लाख थी। वित्त वर्ष के दौरान शुद्ध एनपीए घटकर 4.5 प्रतिशत रहा जो वित्त वर्ष 2020-21 में 5.9 प्रतिशत था।
वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में शुद्ध एनपीए का अनुपात 5.3 प्रतिशत रहा। राशि के हिसाब से शुद्ध एनपीए वर्ष के अंत में 5,795 करोड़ रही जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 12,035 करोड़ रुपये था। चौथी तिमाही में 802 करोड़ रुपये के एनपीए घोषित किए गए।
येस बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशांत कुमार ने बैंक के वित्तीय परिणामों पर टिप्पणी की,” येस बैंक की परिवर्तन की ओर यात्रा से बैंक की बैलेंस शीट में सुधार हुआ है। इसके सभी खंड़ों के कारोबार में तेजी आयी है और ऋणों की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और पिछले दो साल में पूंजी का आधार मजबूत हुआ है।”