उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री अन्न योजना के तहत मिलने वाले फ्री राशन पर अखिलेश यादव ने अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर तंज कसा है। अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव के समय फ्री राशन का वादा करने वाले चुनाव खत्म होने के बाद शर्त रखकर राशन कार्ड सरेंडर करने का दबाव बना रहे हैं।
अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘मुफ्त राशन देते समय तो कोई घोषणा न हुई पर अब कुछ परिस्थितियों की शर्त रखकर राशन-कार्ड को वापस कार्यालय में सरेंडर करने की मुनादी की जा रही है अन्यथा इन राशन-कार्ड से लिये गए गेहूं, चावल, चना, तेल व नमक तक को बाजार भाव से वसूलने की धमकी दी जा रही है। चुनाव निकल गया पहचानते नहीं।’
क्या है वीडियो में : वीडियो में एक व्यक्ति मुनादी कर रहा है। इसमें वह कार्ड धारकों से कह रहा है कि जिन कार्ड धारकों के पास चार पहिया वाहन ट्रैक्टर, पांच एकड़ जमीन, सरकारी कर्मचारी, शस्त्र लाइसेंस, पांच केवी जनरेटर, एयर कंडीशन, सौ वर्ग मीटर मकान या फ्लैट है वो अपना राशन कार्ड तहसील उतरौला में आपूर्ति कार्यालय में जाकर सरेंडर कर दे। अन्यथा जांच के बाद अगर वो अपात्र पाया जाते हैं तो गेहूं 24 किलो, चावल 32 रुपये किलो और चना, नमक, तेल बाजार भाव पर रिकवरी किया जाएगा। इसकी समस्त जिम्मेदारी कार्ड धारक की होगी।
सपा मुखिया ने भी किया था फ्री राशन का वादा : अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव में सभा के दौरान कहा था कि अगर उनकी सरकार बनी तो पांच साल तक गरीबों को मुफ्त राशन के अलावा स्वास्थ्य बेहतर करने के लिए एक किलोग्राम घी भी दिया जाएगा। अखिलेश ने यह भी कहा था कि इस समय गरीबों को जो राशन मिल रहा है, वह केवल चुनाव तक मिलने वाला है। चुनाव के बाद यह नहीं मिलेगा।
फ्री राशन योजना : प्रदेश में कोरोना काल के दौरान गरीबों को मुफ्त राशन देने की योजना शुरू की गई थी जिसे नवंबर 2021 तक जारी रखना था। लेकिन कोरोना के कारण लोगों की आमदनी पर पड़े प्रभाव को देखते हुए योगी सरकार ने मार्च के अंत तक इस योजना के जारी रखने का एलान किया था। बता दें कि यूपी में नई सरकार के गठन के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग में फ्री राशन योजना को तीन माह तक बढ़ा दिया गया था।