लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लखनऊ की एक अदालत ने नाच गाने के एक कार्यक्रम के नाम पर टिकट बेचकर जनता से लाखों रुपये इकट्ठा करने के बाद चर्चित डांसर सपना चौधरी द्वारा कार्यक्रम रद्द कर दर्शकों का पैसा वापस न करने के मामले में चौधरी को सशर्त अंतरिम जमानत दे दी है।
लखनऊ स्थित एसीजेएम शान्तनु त्यागी की अदालत ने सपना चौधरी को 20-20 हजार रुपये की दो जमानतें और निजी मुचलका दाखिल करने पर 25 मई तक की अंतरिम जमानत देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने जमानत की शर्त के तौर पर कहा कि सपना को मामले की हर तारीख पर अदालत में हाजिर रहना होगा। साथ ही वह अंतरिम जमानत का दुरुपयोग नहीं करेंगी। सपना चौधरी को 25 मई को अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा।
इसके पहले सपना चौधरी ने आत्मसमर्पण की अर्जी देकर अदालत से गुजारिश की थी कि उन्हें इस मामले में हिरासत में लिया जाये जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी को हिरासत में लेकर जमानत अर्जी पर सुनवाई की।
गौरतलब है कि इस मामले की रिपोर्ट थाना आशियाना की चौकी किला के उप निरीक्षक फिरोज खान ने 13 अक्टूबर 2018 को सपना चौधरी अन्य के ख़िलाफ़ दर्ज करायी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 13 अक्टूबर को दिन में 03 बजे से रात 10 बजे तक स्मृति उपवन में अन्य आरोपियों द्वारा सपना चौधरी सहित अन्य कलाकारों के कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
इसकी ऑनलाइन एवं ऑफलाइन प्रति व्यक्ति 300 सौ रुपये की दर से टिकट बेचे गये थे। इस कार्यक्रम को देखने के लिए हजारों लोग मौजूद थे, परंतु रात्रि 10 बजे तक जब सपना चौधरी नहीं आईं तब लोगों ने हंगामा कर दिया। इसके बाद मामले की रिपोर्ट थाना आशियाना में दर्ज कराई गई।
इस मामले में विवेचना के बाद अन्य आरोपियों जुनैद अहमद, इबाद अली, अमित पांडे एवं रत्नाकर त्रिपाठी के ख़िलाफ़ 20 जनवरी 2019 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। जबकि सपना चौधरी के ख़िलाफ़ 01 मार्च 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया गया। जिस पर अदालत ने 26 जुलाई 2019 को संज्ञान लिया था। इस मामले में सपना चौधरी के अतिरिक्त अन्य आरोपियों की जमानत पहले ही हो चुकी हैं।