शेयर बाज़ार: वैश्विक अर्थव्यवस्था के सुस्त पड़ने की आशंका से शेयर बाजार में कोहराम

मुंबई। अमेरिका में आसमान छूती महंगाई को काबू में करने के लिए फेड रिजर्व के ब्याज दरों में फिर तेजी वृद्धि करने के रुख से वैश्विक अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त पड़ने की आशंका से हताश निवेशकों की बिकवाली के दबाव में विदेशी बाजारों के करीब डेढ़ वर्ष के निचले स्तर पर आने से आज घरेलू शेयर में कोहराम मच गया।

अंतर्राष्ट्रीय बाजार के रुख के बीच वित्त सचिव टी. वी. सोमनाथन के गुरुवार के उस बयान का भी घरेलू शेयर बाजार पर असर पड़ा, जिसमें उन्होंने कहा यदि रिजर्व बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी करता है तो देश की आर्थिक विकास दर धीमी पड़ जाएगी।

बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1158.08 अंक का गोता लगाकर लगभग नौ सप्ताह के निचले स्तर और 53 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 52930.31 अंक पर आ गया। इससे पूर्व सेंसेक्स 07 मार्च को 52,842.75 अंक पर रहा था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 359.10 अंक लुढ़ककर 16 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे 15808 अंक पर रहा।

इस दौरान वैश्विक बाजार में हाहाकार रहा। ब्रिटेन का एफटीएसई 2.41, जर्मनी का डैक्स 2.30, जापान का निक्केई 1.77, हांगकांग का हैंगसेंग 2.24 और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.12 प्रतिशत लुढ़क गया। इससे हताश निवेशकों ने बीएसई के सभी 19 समूहाें में जमकर बिकवाली की, जिससे बेसिक मैटेरियल्स 2.56, सीडीजीएस 2.04, वित्त 3.14, इंडस्ट्रियल्स 2.72, दूरसंचार 2.81, यूटिलिटीज 3.90, ऑटो 2.03, बैंकिंग 3.14, कैपिटल गुड्स 2.46, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 2.63, धातु 3.75, रियल्टी 2.25 और पावर समूह के शेयर 4.11 प्रतिशत गिर गए।

इस बीच निवेश सलाह देने वाली कंपनी स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, “यह बाजार कमजोर लोगों के लिए नहीं है क्योंकि बाजार में अभी और गिरावट आना संभव है और अल्पावधि में अस्थिरता के मोर्चे पर कोई राहत नहीं मिलेगी। निवेशकों को विशेष रूप से जिन्होंने कोविड बाद बाजार में प्रवेश किया है उन्हें शेयर बाजार से अपनी उम्मीदों को फिलहाल कम करना होगा।”

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