सड़क सुरक्षा के उपाय सुझाने के लिये शोध संस्थान स्थापित करने का योगी का निर्देश

लखनऊ।  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क दुर्घटनाओं से मानव संसाधन की अपूर्णीय क्षति पर चिंता जाहिर करते हुए प्रदेश की राजधानी लखनऊ में यातायात प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान की स्थापना करने का निर्देश दिया है।

याेगी ने गुरुवार को सड़क सुरक्षा के संबंध में दिशानिर्देश में यह बात कही। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार योगी ने कहा कि प्रत्येक नागरिक का जीवन अमूल्य है। एक व्यक्ति के असामयिक निधन से पूरा परिवार प्रभावित होता है। यह अत्यंत दुःखद है कि प्रति वर्ष बहुत से लोग थोड़ी सी असावधानी के कारण सड़क दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं। यह क्षति न हो, इसके लिए सरकार और सभी नागरिकों को अपनी सामूहिक जिम्मेदारी निभानी होगी।

उन्होंने इस दिशा में कुछ उपाय सुझाते हुए निर्देश दिया कि अमूल्य मानव संसाधन को असमय सड़क हादसों का शिकार होना परिवार की क्षति तो है ही, साथ में राष्ट्र की भी क्षति है। याेगी ने कहा कि इस स्थिति से बचने के लिये सभी नागरिकों को सड़क सुरक्षा के प्रति बेहद जागरुक एवं संवेदनशील बनाना अनिवार्य है। इसके लिये उन्होंने निर्देश दिया कि लखनऊ में यातायात प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान की स्थापना के लिए प्रक्रिया शुरू की जाये। साथ ही उन्होंने ट्रैफिक पुलिस के साथ यथावश्यक सिविल पुलिस और होमगार्ड के जवानों को जोड़ने को भी कहा।

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क हादसे होने की स्थिति में पीड़ितों को तत्काल उपयुक्त चिकित्सा सेवा मुहैया कराने के लिये हर मेडिकल कॉलेज में कम से कम 30 बेड के ‘इमरजेंसी ट्रॉमा केयर सेंटर’ का विकास किया जाना जरूरी है। उन्होंने निर्देश दिया कि इस दिशा में प्राथमिकता के साथ कार्यवाही की जाये।

उन्होंने अध्ययन रिपोर्टों के हवाले से कहा कि विभिन्न आंकलन के अनुसार सर्वाधिक (33 प्रतिशत) सड़क दुर्घटनायें दो पहिया वाहन चालकों से जुड़ी होती हैं। जबकि 38 प्रतिशत दुर्घटनाओं का कारण ओवरस्पीड, 9 प्रतिशत हादसों की वजह वाहन चलाते समय मोबाइल फोन पर बात करना और करीब 6.6 प्रतिशत दुर्घटनायें नशे में वाहन चलाने के कारण होती हैं। हर व्यक्ति को इस विषय की गंभीरता को समझना होगा।

हालांकि योगी ने सतत जागरूकता के कारण वर्ष 2018 के बाद से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आने पर संतोष व्यक्त भी किया। उन्होंने कहा कि यह अच्छे संकेत हैं, किंतु अभी बहुत सुधार की आवश्यकता है। इस दिशा में गृह, यातायात, नगर विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, एक्सप्रेस वे प्राधिकरण आदि विभागों को एकजुट होकर कार्य करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ वृहद अभियान चलाया जाना जरूरी है। इसके लिये उन्होंन एक टीम के रूप में बेहतर कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश देते हुए कहा कि इसमें सड़क सुरक्षा के विभिन्न घटकों जैसे रोड इंजीनियरिंग, प्रवर्तन कार्य, ट्रामा केयर और जनजागरूकता को समाहित करना उचित होगा। योगी ने इस कार्ययोजना को अगले 06 दिन में तैयार करने का निर्देश देकर कहा कि यह अभियान प्रारंभ करने से पूर्व वह स्वयं प्रदेश के सभी 734 नगरीय निकायों से संवाद करेंगे।

योगी ने कहा कि अभियान के प्रथम चरण के दौरान पहले सप्ताह में पूरा जोर जागरूकता पर होगा। दूसरे चरण में सड़क सुरक्षा के नियमों का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित कराया जाये।

उन्होंने सड़कों पर अतिक्रमण की समस्या को समाप्त करने का निर्देश देते हुए कहा कि पटरी व्यवसायियों के स्थान चिन्हित कर यह सुनिश्चित करें कि कोई तय स्थान के बाहर दुकान न लगाये। व्यापारियों से संवाद बनाकर यह सुनिश्चित करायें की हर दुकान अपनी सीमा के भीतर ही हो। नगरों में पार्किंग की व्यवस्था को और सुदृढ़ करना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश में उच्च शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा के सभी विद्यालयों में ‘रोड सेफ्टी क्लब’ का गठन करने की दिशा में कार्यवाही तेज करें।

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