दरभंगा। बिहार में दरभंगा जिले की एक अदालत ने मंगलवार को नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दोषी युवक को सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
पाॅक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विनय शंकर की अदालत ने नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में युवक को ताउम्र सश्रम कारावास की सजा सुनायी है। साथ ही पचास हजार रुपए जुर्माना भी किया है। अर्थदण्ड की राशि पीड़िता को मिलेगी।
न्यायाधीश ने बिहार पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत 6 लाख रुपये भुगतान करने का भी आदेश राज्य सरकार को दिया है। राज्य सरकार से राशि मिलते ही इसका भुगतान पीड़िता को जिला विधिक सेवा प्राधिकार, दरभंगा की ओर से की जायेगी।
अभियोजन पक्ष के प्रभारी विशेष लोक अभियोजक अमर प्रकाश ने मंगलवार को बताया कि 18 जुलाई को हायाघाट थाना में हाफिज मुजिबुर रहमान के विरुद्ध 17 जुलाई 2018 को एक नाबालिग लड़की को ट्यूशन पढ़ाने के क्रम में दुष्कर्म करने की घटना को लेकर प्राथमिकी संख्या 70 /2018 दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर 19 जुलाई 2018 को न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि 12 अक्टूबर 2018 न्यायालय ने संज्ञान लिया और 5 नवम्बर 2018 को आरोप गठन कर ट्रायल शुरू कर अभियोजन पक्ष से आठ गवाहों की गवाही कलमबद्ध किया और 12 दस्तावेजी साक्ष्य प्राप्त किया।
अदालत ने बहसोपरान्त छह मई 2022 को भारतीय दंड विधान (भा.द.वि) की धारा 376 ए वी, 506 और पाॅक्सो एक्ट में दोषी करार दिया। सजा के बिंदु पर बहसोपरान्त दुष्कर्मी को भा.द.वि की धारा 376 (3) में पूरी जिंदगी जेल में सश्रम कारावास की सजा भुगतने और पाॅक्सो ऐक्ट धारा 6 में 25 साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।