मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुंजी पहुंच कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए साइकिलिस्टों का हौंसला अफजाई कराएंगे – Polkhol

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुंजी पहुंच कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए साइकिलिस्टों का हौंसला अफजाई कराएंगे

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत चीन सीमा से लगी व्यास घाटी की केंद्र बिंदु गुंजी गुलजार हो जाएगी। इस मौके पर होने वाली साइकिल रैली के लिए साइकिलिस्ट गुंजी रवाना हो चुके हैं। टूर दि आदि कैलास साइकिल रैली के आयोजन के लिए प्रशासन स्तर पर गठित कमेटी के अधिकारी, कर्मचारी गुंजी को रवाना हो चुके हैं। बुधवार को 10,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित गुंंजी में पिचहत्त्तर राष्ट्रीय ध्वज एक साथ फहराए जायंगे । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुंजी पहुंच कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए साइकिलिस्टों का हौंसला अफजाई कराएंगे।

अमृत महोत्सव के तहत आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए गुंजी सज चुकी है। सोमवार देर सायं तक साइकिलिस्ट गुंजी पहुंच जाएंगे। इसके अलावा कार्यक्रम के लिए तैनात किए गए अधिकारी और कर्मचारी भी गुंजी रवाना हो चुके हैं। कुटी यांग्ती में रीवर राफ्टिग कराने वाले रीवर गाइड और प्रशिक्षणार्थी केएमवीएन के साहसिक प्रबंधक दिनेश गुरु रानी के नेतृत्व ेमें मंगलवार को रवाना होंगे। मंगलवार सायं तक कार्यक्रम से जुड़े सभी लोग गुंजी पहुंच जाएंगे। प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार सभी के प्रवास की व्यवस्था हो चुकी है।

धारचूला से मिली जानकारी के अनुसार इस समय धारचूला – तवाघाट- लिपुलेख मार्ग पूरी तरह खुला है। यातायात सामान्य है। क्षेत्र में हुए हल्के हिमपात के बाद मौसम भी बेहद सुहाना बना हुआ है। साइकिल यात्रा में प्रतिभाग करने पहुंचे दिल्ली,एनसीआर, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक , मुंबई सहित अन्य राज्यों से आए साइकिलिस्ट यहां के मौसम को लेकर खुश हैं। 25 से 27 मई तक चलने वाले इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान उच्च हिमालय में आदि कैलास से लेकर नावीढांग ओम पर्वत तक चहल पहल रहेगी। साइकिल रैली आदि कैलास से 36 किमी दूर गुंजी और 18 किमी दूर नावीढांग तक होगी । इस क्षेत्र में पहली बार हो रहे इस कार्यक्रम से क्षेत्र को एक अलग पहचान मिलेगी ।

जिलाधिकारी पिथौरागढ़ डा. आशीष चौहान ने बताया कि अमृत महोत्सव के तहत हो रहे इस कार्यक्रम को लेकर सभी कार्य सुव्यवस्थित ढंग से किए जा रहे हैं। सभी को इस कार्यक्रम को सफल ढंग से कराने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों को अलग-अलग दायित्व सौंपे गए हैं। कार्यक्रम में किसी तरह की कमी नहीं रहने दी जाएगी। इस कार्यक्रम के माध्यम से इस आयोजन को अंतरराष्ट्रीय ईवेंट बना कर पिथौरागढ़ और उत्त्तराखंड को साइकिलिंग मानचित्र पर लाना है।

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