दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने शुक्रवार को बताया कि उसने सरकारी क्षेत्र की दिग्गज उर्वरक कंपनी इफको के प्रबंध निदेशक उदय शंकर अवस्थी की 20.96 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है। यह कार्रवाई धन-शोधन निवारक अधिनियम, 2002 के तहत अपराध की कमायी के विरुद्ध जांच के सिलसिले में की गयी है।
ईडी की विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह मामला इफको और इंडियन पोटास लिमिटेड (आईपीएल) के निदेशकों और अन्य के खिलाफ दर्ज एक मामले से जुड़ी है जिसकी जांच ईडी पहले से कर रहा है।
इफको एमडी अवस्थी की कुर्क की गयी संपत्तियों में नयी दिल्ली के हौज खास एनक्लेव इलाके में आवासीय संपत्ति और गुरुग्राम तथा हिमाचल प्रदेश में स्थित संपत्तियां शामिल हैं। ईडी के अनुसार पीएमएलए कानून 2002 की धारा 5 के तहत दो जून को कुर्की की कार्रवाई की गयी। हौज खास एनक्लेव की संपत्ति पहले इफको कंपनी की थी जिसे श्री अवस्थी के नाम हस्तांतरित करा दिया गया था।
ईडी इस मामले में अबतक करीब 86 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियां कुर्क कर चुका है। इससे पहले एजेंसी ने अमरेंद्र धारी सिंह के नाम की 27.76 करोड़ रुपये की सावधि जमा रशीदें, स्विटजरलैंड के बैंक खातों में पंकज जैन की एल्ट्रीयम होल्डिंग्स लिमिटेड और आर्टिस्टिक होल्डिंग्स लिमिटेड कंपनियों के खातों में जमा 47,54,606 डॉलर ( करीब 36.55 करोड़ रुपये) और पंकज जैन की ही 54.11 लाख रुपये की आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों को जब्त किया था।
ईडी ने सीबीआई द्वारा 17 मई 2021 को दर्ज एक मामले के आधार पर विभिन्न संदिग्ध व्यक्तियों के खिलाफ अपराध से कमाए धन को ठिकाने लगाने, अपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और अपराधिक आचरण के आरोपों में जांच शुरू की थी इनमें इफको के एमडी श्री अवस्थी, रेयर अर्थ ग्रुप दुबई तथा ज्योति ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन के प्रवर्तक पंकज जैन, अमरेंद्र धारी सिंह और अन्य शामिल हैं।
ईडी ने कहा है कि जांच से पता लगा है कि श्री अवस्थी और इफको के अन्य लोगों ने अपराध से पैसा अर्जित किया और विभिन्न असम्बद्ध इकाइयों के जरिए उसको घुमाया तथा इस कमायी का कुछ हिस्सा श्री अवस्थी और अन्य के नियंत्रण वाली इकाइयों को हस्तांतरित किया।
ईडी ने छह अभियुक्तों के खिलाफ पिछले साल 30 जुलाई को विशेष पीएमएलए अदालत में अभियोग पत्र दायर किया था और कोर्ट ने उसको संज्ञान में ले लिया है। अदालत ने इन अभियुक्तों को अपराध की कमायी को हासिल करने में जानबूझकर मदद करने और शामिल होने का प्रथम दृष्टया दोषी पाया है और इनके ऊपर मुकदमा चलाने का आदेश दिया है।
ईडी ने कहा है कि वह इस मामले में और भी जांच कर रही है।