गांधीनगर। गुजरात में पोषण अभियान के अंतर्गत 53029 आँगनबाड़ियों में स्मार्टफोन दिए गए हैं और पूरा कामकाज स्मार्टफोन के माध्यम से डिजिटली किया जाता है।
राज्य सरकार की ओर से यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पोषण अभियान के अंतर्गत लगभग 11 रजिस्टर्स के स्थान पर 53029 आँगनबाड़ियों में स्मार्टफोन दिए गए हैं सभी आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के स्मार्टफोन में पोषण ट्रैकर एप्लिकेशन डाउनलोड की हुई है। पोषण ट्रैकर डैशबोर्ड पर 99.99 फीसदी आँगनबाड़ी कार्यकर्ता कार्यरत हैं और रजिस्टर्ड अनुमानित 46 लाख लाभार्थियों की देखरेख की जा रही है।
विशेष रूप से प्रत्येक आँगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा 0 से 5 वर्ष के बच्चों के विकास व वृद्धि की देखरेख करने के लिए पोषण अभियान के अंतर्गत बच्चों तथा माताओं के लिए ऊँचाई व वज़न मापन संसाधन प्रदान किए गए हैं। पोषण ट्रैकर डैशबोर्ड के अनुसार इन संसाधनों के ज़रिये आँगनबाड़ी केन्द्रों पर हाल में अनुमानित 99 फीसदी ग्रोथ मॉनिटरिंग किया जाता है।
राज्य भर में कुल 29,91,517 ‘मंगल दिवस’ मनाए गए: किसी भी अभियान को सफल बनाने के लिए लोगों की भागीदारी अत्यंत आवश्यक होती है और लोगों को पोषण का महत्व समझाने के लिए आँगनबाड़ी स्तर पर जनांदोलन के रूप में ‘मंगल दिवस’ मनाया जाता है। अब तक पोषण अभियान के अंतर्गत राज्य भर में कुल 29,91,517 ‘मंगल दिवस’ (सीबीई) मनाए गए हैं। पोषण अभियान के अंतर्गत अगस्त 2018 से हर महीने के पहले व तीसरे मंगलवार को सीबीई (कामन बेज्ड इवेंट) यानि ‘मंगल दिवस’ मनाया जाता है।
प्रथम मंगलवार-सुपोषण संवाद : आँगनबाड़ी स्तर पर गर्भवती महिला की गोद भराई विधि तथा सम्मान, मातृ मंडल ग्रुप का आयोजन जैसी गतिविधियाँ की जाती हैं। तीसरा मंगलवार-अन्नप्राशन : इस दिन छह माह पूर्ण करने वाले बच्चों को माता के दूध के अतिरिक्त ऊपरी आहार देने की विधिवत शुरुआत कराई जाती है और बच्चों के अभिभावकों को माता दूध के उपरांत ऊपरी आहार की उचित समझ दी जाती है। तदुपरांत पोषण स्तर पर में सुधार करने के लिए जनसमुदाय में जागरूकता लाने के उद्देश्य से हर साल सितम्बर में पोषण माह तथा मार्च में पोषण पखवाड़ा मनाया जाता है।
उल्लेखनीय है कि देश के सभी राज्यों में भारत सरकार द्वारा पोषण अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत गुजरात में कुपोषण दर घटाने, गर्भवती महिलाओं व स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषण व स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा देने, प्रसूति पूर्व सेवाएँ देने, जोखिमकारी लक्षण वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उन्हें संदर्भित सेवाएँ देने और बच्चों के अभिभावकों में कुपोषण के विरुद्ध जागृति लाने जैसी सेवाएँ देने के लिए ‘मंगल दिवस’ मनाया जाता है। साथ ही अब पोषण ट्रैकर द्वारा सभी ज़िलों की स्थिति की डिजिटली भी समीक्षा की जा रही है।