दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने घरेलू रक्षा उद्योगों को मजबूती प्रदान करने तथा देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए प्रौद्योगिकी विकास निधि योजना के तहत दी जाने वाली राशि 10 करोड़ से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये प्रति परियोजना करने को मंजूरी दे दी है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा कार्यान्वित की जाने वाली यह योजना सूक्ष्म , लघु एवं मध्यम इकाईयों और स्टार्ट-अप द्वारा घटकों, उत्पादों, प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी विकास में सहायक है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय बजट 2022-23 में रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट का 25 प्रतिशत हिस्सा निजी उद्योग, स्टार्ट-अप और अकादमिक जगत के लिए निर्धारित किया गया था। निधि योजना के तहत बढायी गयी राशि बजट घोषणा के अनुरूप है और इससे ‘रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता’ की परिकल्पना को और बढ़ावा मिलेगा।
इस योजना का उद्देश्य देश को आत्मनिर्भरता के पथ पर बढाने के लिए रक्षा प्रौद्योगिकियों को नवोन्मेष और विकसित करने के लिए उद्योग को प्रोत्साहित करके रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को बड़ा प्रोत्साहन प्रदान करना है। इस योजना में परियोजना की कुल लागत की 90 प्रतिशत राशि दी जाती है और उद्योग जगत को किसी अन्य उद्योग या शैक्षणिक जगत के साथ साझेदारी में काम करने की अनुमति है। उद्योग और स्टार्टअप को इस बढायी गयी राशि से मौजूदा तथा भविष्य की हथियार प्रणालियों और प्लेटफार्मों के लिए अधिक जटिल प्रौद्योगिकी विकसित करने में मदद मिलेगी। अब तक इस योजना के तहज 56 परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी हैं।