धोलेरा हवाईअड्डे के पहले चरण के निर्माण को मंजूरी – Polkhol

धोलेरा हवाईअड्डे के पहले चरण के निर्माण को मंजूरी

दिल्ली।  देश में अवसंरचना विकास कार्यक्रमों को गति देने कि दिशा में एक ओर कदम उठाते हुए मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने गुजरात के धोलेरा में एक अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पहले चरण के निर्माण की मंगलवार को अनुमति दी जिसपर 1305 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

धोलेरा, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे का प्रमुख केंद्र है और वहां यह नया हवाईअड्डा समर्पित मालगाड़ी मार्ग और राजमार्ग से जुड़ा होगा और अहमदाबाद के लिए दूसरे हवाईअड्डे की भूमिका निभाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल और मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति(सीसीए) की बैठक के निर्णयों की जानकारी देते हुए सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज कहा, “गुजरात के धोलेरा में ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे के विकास के लिए अनुमति दी गई है।”

ठाकुर ने बताया कि धोलेरा हवाई अड्डे के लिए 1501 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई है। इस हवाई अड्डे का निर्माण धोलेरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कंपनी लिमिटेड निर्माण कराएगी जिसमें भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण (एएआई) के माध्यम से केंद्र सरकार 51 प्रतिशत की हिस्सेदार होगी। इसमें 33 प्रतिशत हिस्सा गुजरात सरकार का होगा और 16 प्रतिशत राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यन्वयन न्यास(एनआईसीडीआईटी) की होगी।

उन्होंने कहा, “इसका पहला चरण 48 महीने में तैयार हो जाएगा। जिसपर 1305 करोड़ रुपये की लागत आएगी।” श्री ठाकुर ने कहा कि हवाई अड्डा वर्ष 2025-26 से चालू हो जाएगा। नए हवाईअड्डों के विकास की योजना के तहत धोलेरा में हवाई अड्डा बनाने का निर्णय वर्ष 2016 में लिया गया था। इस संदर्भ में सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर ली गईं हैं।

उन्होंने कहा, “इस एयरपोर्ट के जरिए यात्रियों के आवगमन तथा मालवहन दोनों तरह की सुविधा होगी। दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर परियोजना के आठ प्रमुख व्यवसायिक केंद्रों में धोलेरा एक केंद्र है। मल्टी मॉडल संपर्क सुविधा की बात की जाए तो धोलेरा उस अंचल की मालवहन के जरुरतों को पूरा करेगा।”

उन्होंने कहा कि यह अहमदाबाद के दूसरे हवाई अड्डे के रूप में देखा जाएगा। यह छह लेन एक्सप्रेस वे, रैपिड ट्रांसपोर्टेशन, ब्रॉडगेज रेलवे लाइन की सुविधाओं से जुड़ा होगा। इसके लिए फ्रेड कोरिडोर फीडर लाइन का सिस्टम भी विकसित किया जा रहा है। ठाकुर ने इसे प्रधानमंत्री गतिशक्ति और नए भारत का नया विकास मॉडल है।

इस हवाई अड्डे से पहले साल तीन लाख यात्रियों के आवगमन और 20 हजार टन माल की ढुलाई होने का अनुमान है। अगले 20 वर्ष में यात्रियों की संख्या 23 लाख प्रति वर्ष तक पहुंच जाने की उम्मीद है। उस समय तक इसकी माल-ढुलाई क्षमता दो लाख 73 हजार टन हो जाएगी।

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