देहरादून: सीएम पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ने वाले पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी की वन विकास निगम में ताजपोशी के साथ ही दायित्वों के लिए लॉबिंग तेज हो गई है। मंत्री बनने से चुके 20 से ज्यादा विधायक और संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी इस वक्त दौड़ में हैं। सूत्रों के अनुसार दायित्वों की दौड़ में पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद का नाम आगे हैं। धामी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार सरकार में काबीना मंत्री रहे स्वामी इस बार चुनाव हार गए। लेकिन वे धामी के करीबी मित्र बताए जाते हैं। लक्सर के पूर्व विधायक संजय गुप्ता भी सीएम के करीबी माने जाते हैं। वह भी दौड़ में आगे बताए जा रहे हैं।
पूर्व विधायक राजकुमार, अमीचंद शाह, नारायण राणा, मेहरबान सिंह रावत, ज्योति गैरोला, विश्वास डाबर, अनिल गोयल, पुनीत्त मित्तल, मनवीर चौहान, आदित्य चौहान, रवींद्र कटारिया, मातवर सिंह रावत, मुकेश कोली, संपत्त सिंह रावत, डा. जयपाल सिंह, पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल, श्यामवीर सिंह सैनी, शोभाराम प्रजापति, डा. विनोद आर्य, आशा नौटियाल, मुन्नी देवी शाह, बलवीर गुनियाल, नरेंद्र भारती।
कुमाऊं से ये हैं दौड़ में : विधायक बंशीधर भगत, लालकुआं के विधायक मोहन बिष्ट, नैनीताल की विधायक सरिता आर्या, भीमताल के विधायक रामसिंह कैड़ा, रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट, पूर्व मंत्री अरविंद पांडे, काशीपुर के विधायक त्रिलोक सिंह चीमा और रुद्रपुर के विधायक शिव अरोरा। इसके अलावा पूर्व कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल को जिम्मेदारी मिल सकती है। भाजपा नेता केदार जोशी भी दायित्व की दौड़ में शामिल हैं।
लमगड़िया को मिल सकती है जिम्मेदारी : हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विधानसभा क्षेत्र होने के कारण चम्पावत जिले को फिर से दायित्व मिल सकते हैं। जिसमें वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व ब्लॉक प्रमुख लक्ष्मण सिंह लमगड़िया का नाम सबसे आगे है। मुख्यमंत्री को चुनाव जीतने में लमगड़िया का बड़ा योगदान रहा। उनके प्रभाव का चुनाव के दौरान भाजपा को बड़ा फायदा मिला।