पटना। बिहार की मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीत महागठबंधन ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर अग्निपथ योजना से रोजगार के नाम पर युवाओं के भविष्य के साथ छलावा करने का आरोप लगाते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की।
विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और महागठबंधन में शामिल कांग्रेस को छोड़कर सभी वामपंथी दलों के विधायकों एवं विधान पार्षदों ने बुधवार को अग्निपथ योजना के विरोध में यहां के बिहार विधानमंडल परिसर से राजभवन मार्च निकाला। पुलिस की कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था और उमस भरी गर्मी के बीच महागठबंधन के नेता नारेबाजी करते हुए राजभवन की ओर धीरे-धीरे बढ़ते रहे। मीडियाकर्मियों का हुजूम भी उनके साथ रहा।
राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात के बाद राजभवन परिसर के बाहर विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता श्री यादव ने वामपंथी दलों के नेताओं की मौजूदगी में संवाददाताओं से बातचीत में केंद्र सरकार से तत्काल अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग की। साथ ही अग्निपथ के विरोध के दौरान बिहार में गिरफ्तार किए गए सभी आंदोलनकारियों को रिहा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना देश हित में नहीं है। केंद्र की मोदी सरकार रोजगार के नाम पर युवाओं के भविष्य से छलावा कर रही है।
प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि यह योजना तत्काल बंद होनी चाहिए। यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का हिडेन एजेंडा है। उन्होंने अग्निपथ के खिलाफ युवाओं का आंदोलन शांत होने के बावजूद राजभवन मार्च पर सफाई देते हुए कहा कि वायलेंस शांत हो गया लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि विरोध शांत हुआ है। वायलेंस विरोध प्रदर्शन नहीं होता है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आज सरकार कह रही है चार साल के बाद 14 लाख देंगे, 14 लाख देकर क्या एहसान करेंगे l