कोविंद ने किया बांकेबिहारी मन्दिर में देहरी पूजन – Polkhol

कोविंद ने किया बांकेबिहारी मन्दिर में देहरी पूजन

मथुरा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने अपनी धर्मपत्नी सविता कोविन्द के साथ सोमवार को वैदिक मंत्रोंच्चार के बीच बांके बिहारी मन्दिर में पूजन अर्चन किया।

इस मौके पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी राष्ट्रपति के साथ ही मन्दिर में पूजन अर्चन किया।

राजभोग सेवा अधिकारी ज्ञानेन्द्र किशोर गोस्वामी ने बताया कि आज वैदिक मंत्रों के बीच राष्ट्रपति, उनकी धर्मपत्नी, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने बिहारी जी मन्दिर में देहरी पूजन किया। पहले उन्होने गुलाबजल से देहरी को रगड़ रगड़ कर साफ किया तथा बाद में 101 इत्र की शीशियों से देहरी पर इत्र की मालिश भी की तथा पुष्प एवं फल भी अर्पित किया। उन्होंने राष्ट्र के कल्याण के लिए पांच दीपक भी जलाए।

गोस्वामी के अनुसार मां यशोदा ने बालकृष्ण को देहरी पार करने में चोट न लगे इसलिए ही विस्तृत रूप से देहरी पूजन किया था। देहरी पूजन मन्दिर में पूजन का महत्वपूर्ण अंश माना जाता है।

उन्होंने बताया कि पूजन के बाद राष्ट्रपति, उनकी धर्मपत्नी सविता कोविन्द, राज्यपाल आनंदीबेन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मन्दिर की ओर से छप्पन भोग का प्रसाद, मालाएं, अगवस़्त्रम एवं फल प्रसादस्वरूप् भेंट किये गए। पूजन की रश्म जहां आठ गोस्वामियों ने निभाई वहीं अवधेश कुमार शास्त्री बादल ने पूजन के दौरान वैदिक मंत्रों का पाठ किया। राष्ट्रपति और उनकी धर्मपत्नी ने पूर्ण भक्तिभाव से पूजन अर्चन किया ।

मन्दिर के प्रबंधक मुनीश शर्मा ने बताया कि मन्दिर पहुंचने पर राष्ट्रपति , उनकी धर्मपत्नी, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री का स्वागत आधा दर्जन सहवासिनों ने राधे राधे कहकर किया ।इस दौरान पूरे क्षेत्र को एक प्रकार से छावनी में तब्दील कर दिया गया था। वृन्दावन के नटखट बन्दरों द्वारा चश्मा छीनने की घटना को रोकने के लिए न केवल लंगूर लगाए गए थे बल्कि कुछ स्थानों पर जाल लगाए गए थे तथा राष्ट्रपति के मन्दिर आनेवाले मार्ग की छतों तक पर सुरक्षाकर्मी भी लगाए गए थे। प्रशासन की अभेद्य किले जैसी व्यवस्था के कारण कोई अप्रिय घटना नही घटी।

पूर्व में राष्ट्रपति के वृन्दावन आगमन पर राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल, मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ तथा उनके मंत्रिपद के सहयोगियों, महापौर मुकेश आर्य बन्धु आदि ने स्वागत किया।

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