सिख राजनीतिक मतभेदों को भूलकर श्री अकाल तख्त साहिब के झंडे तहत एकजुट हो:हरप्रीत सिंह

अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने शनिवार को सिख कौम (राष्ट्र) के सर्वोच्च लौकिक प्राधिकरण श्री अकाल तख्त साहिब का स्थापना दिवस भक्ति के साथ मनाया।

इस अवसर पर अखण्ड पाठ साहिब के भोग के बाद भाई सिमरप्रीत सिंह के रागी जत्थे ने गुरबानी कीर्तन गाया और ज्ञानी मलकीत सिंह ने पवित्र हुकमनामा का पाठ किया।

अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सिखों के सर्वोच्च लौकिक सत्ता के स्थापना दिवस पर संगत को बधाई देते हुए कहा कि श्री गुरु हरगोबिंद साहिब, छठे सिख गुरु द्वारा स्थापित, श्री अकाल तख्त साहिब सिख कौम के लिए सिर्फ एक इमारत नहीं है, बल्कि यह सच्ची और शुद्ध अवधारणा है, जिसने कौम के संप्रभु अस्तित्व को मूर्त रूप दिया।

पूरे सिख कौम से अपने राजनीतिक मतभेदों को भूलकर श्री अकाल तख्त साहिब के निशान (झंडे) के तहत एकजुट होने की अपील करते हुए, जत्थेदार ने कहा कि अगर हमें अपनी अधीनता की बेड़ियों को तोड़ना है, तो हमें एक निशान (झंडे) के नीचे एक साथ आना होगा और एक विधान (संविधान) और कौम की तरक्की के लिए एकता के साथ काम करें। इस अवसर पर उन्होंने सिख जगत से गुरु की बतायी जीवन शैली अपनाने और गुरबानी के अनुसार जीवन दिशा निर्धारित करने का आग्रह किया।

हरजिंदर सिंह ने संगत से अपील की कि वह युवा पीढ़ी को उनकी परंपराओं और ऐतिहासिक दिनों के बारे में अच्छी शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उनके बीच धार्मिक मूल्यों की शिक्षाओं को मजबूत करके जागरुक करें।

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