लखनऊ। राष्ट्रपति पद के लिये आगामी 18 जुलाई को हो रहे चुनाव में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में अपने प्रचार अभियान के दौरान गठबंधन के सहयोगी दलों से समर्थन मांगा।
मुर्मू ने सायं चार बजे लखनऊ पहुंचने के बाद लोकभवन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित राजग के अन्य घटक दलों अपना दल (एस) और निषाद पार्टी के सांसद एवं विधायकों के साथ बैठक की। इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के अलावा अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल एवं आशीष पटेल और निषाद पार्टी के डा संजय निषाद भी मौजूद थे।
इससे पहले लखनऊ स्थित अमौसी हवाईअड्डे पर योगी, स्वतंत्र देव सिंह, मौर्य, पाठक, पटेल व डा. निषाद सहित अन्य नेताओं ने मुर्मू का भव्य स्वागत किया। मुर्मू का काफिला हवाईअड्डे से लोकभवन के लिये रवाना होते समय हवाईअड्डे पर मौजूद तमाम आदिवासी समूहों ने पारंपरिक लोकनृत्य के साथ उनका स्वागत किया। मार्ग में जगह जगह उनके सम्मान में स्वागत द्वार भी बनाये गये थे।
लोकभवन पहुंचने पर मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान योगी, मौर्य और पाठक के अलावा केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, गजेन्द्र सिंह शेखावत, महेन्द्र नाथ पांडे और अनुप्रिया पटेल एवं भाजपा के संगठन महामंत्री सुनील बंसल भी मौजूद थे। इसके बाद उन्होंने राजग के घटक दलों के वरिष्ठ नेताओं, सांसदों व विधायकों के अलावा विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से समर्थन जुटाने के लिए संपर्क व संवाद किया।
बैठक में योगी ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में मुर्मू को उम्मीदवार बनाये जाने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए राजग ने जनजातीय समाज की एक मातृशक्ति के रूप में सर्वसम्मत चेहरा दिया है। इस निर्णय को न केवल राजग के घटक दलों ने सकारात्मक भाव के साथ स्वीकार किया है, बल्कि इससे दलीय सीमाएं टूटती हुई दिख रही है। योगी ने कहा कि उड़ीसा में बीजद ने उन्हें समर्थन दिया। झारखण्ड में समर्थन मिल रहा है। आंध्र प्रदेश और पंजाब में दलीय सीमा टूटी है तो उत्तर प्रदेश में भी जरूर टूटेंगी।
समझा जाता है कि मुर्मू के सम्मान में योगी द्वारा मुख्यमंत्री आवास में आयोजित रात्रिभोज में विपक्षी दलों के गठबंधन के कुछ नेता भी पहुंचे। इनमें सुभासपा के नेता ओपी राजभर और प्रसपा के शिवपाल सिंह का नाम चर्चा में रहा। राजभर के बेटे अरुण राजभर और प्रसपा के प्रवक्ता दीपक मिश्रा ने कहा कि रात्रि भोज में सभी दलों के नेताओं को बुलाया गया था, इसलिये शिष्टाचार के नाते उनके नेताओं ने इसमें शिरकत की। इस दौरान जनसत्ता दल के रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भैया’ ने भी मुर्मू से मुलाकात की।
योगी ने कहा कि उड़ीसा के जनजातीय समाज में पैदा हुई, अभावों में पली बढ़ी एक बेटी, कैसे भाजपा के सेवा अभियान से जुड़ती है और भाजपा के मूल्यों से जुड़कर अपना सार्वजनिक जीवन प्रारंभ करती है। यह प्रेरणास्पद है। इसके फलस्वरूप आज सवसम्मति से देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए द्रौपदी मुर्मू जी का नाम तय हुआ है।
उन्होंने लखनऊ में गुरुवार को समर्थन जुटाने आये विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का नाम लिये बिना कहा कि मुर्मू जी के नामांकन पर कहीं से नकारात्मक स्वर नहीं आये। यह गौरव का अवसर है। बाकी राजनीत करने वाले तो राजनीति करेंगे ही। उल्लेखनीय है कि सिन्हा ने अपने प्रचार अभियान के तहत भाजपा एवं मोदी सरकार पर देश को सांप्रदायिक आधार पर बांटने का आरोप तक लगाया था।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव में उत्तर प्रदेश के विधायकों एवं सांसदों के वोट का प्रभार सर्वाधिक है। उत्तर प्रदेश में विधायकों एवं सांसदों के संख्या बल के आधार पर भाजपा सबसे मजबूत स्थिति में है, इसलिये मुर्मू को सर्वाधिक वोट उप्र से ही मिलना लगभग तय है।
इस बीच भाजपा के सूत्रों ने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी खेमे में सेंधमारी करने का दावा करते हुए कहा है कि योगी की पहल पर दलीय सीमाएं टूट गईं। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पहले ही मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान कर चुकी है। वहीं सपा की अगुवाई वाले गठबंधन में शामिल राजभर और शिवपाल की मुर्मू से मुलाकात से राजग खेमा उत्साहित है। भाजपा के सूत्रों ने दावा किया है कि शुक्रवार को राजभर, राजा भैया, बसपा के उमा शंकर सिंह और सपा विधायक शिवपाल सिंह ने राजग प्रत्याशी द्रोपदी मुर्मू से शिष्टाचार भेंट कर समर्थन देने की घोषणा की है।
इसके बाद राजग को विपक्ष के 10 सांसदों, 10 विधायकों और दो एमएलसी का समर्थन मिलने का दावा किया जा रहा है। राजग प्रत्याशी को भाजपा के घटक दलों में निषाद पार्टी के 06 विधायक, अपना दल (एस) के दो सांसद, एक एमएलसी और 12 विधायकों का समर्थन हासिल है। इसके अलावा विपक्षी खेमे में सुभासपा के 06 विधायक, जनसत्ता दल के 02 विधायक और एक एमएलसी, बसपा के 10 सांसद, 01 विधायक और 01 एमएलसी और सपा के एक विधायक के समर्थन मिलने का भी दावा किया जा रहा है।