लखनऊ, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया है कि नई सरकार के गठन के साथ ही 10 सेक्टर बनाकर सौ दिन के लक्ष्य तय किए थे, जिन्हें पूरा किया है। यह कार्ययोजना का छोटा सा उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम भाषण पर विश्वास नहीं करते, जो कहा सो किया।’ योगी सरकार-2 ने 25 मार्च 2022 को शपथ ग्रहण की थी। सौ दिन की इस अवधि के लिए सरकार ने जो लक्ष्य तय किए थे, उनकी प्रगति रिपोर्ट मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के सम्मुख रखी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मानते हैं कि उत्तर प्रदेश में बहुत संभावनाएं हैं। इस प्रदेश में देश का ग्रोथ इंजन बनने का सामथ्र्य है। उसी की आधारशिला वर्ष 2017 से 2022 के बीच पहले कार्यकाल में रखी और दूसरे कार्यकाल में नई उड़ान के साथ विकास यात्र पर बढ़ रहे हैं।
इस अवसर पर सरकार की उपलब्धियों पर केंद्रित पुस्तक का विमोचन किया गया और लघु फिल्म भी दिखाई गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को पांच लाख करोड़ डालर पहुंचाने का लक्ष्य है, जिसमें उत्तर प्रदेश की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। दोबारा सत्ता में आने पर दस सेक्टर बनाकर विभिन्न क्षेत्रों के लिए एक समयसीमा के अनुसार लक्ष्य तय किए गए, ताकि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक लाख करोड़ डालर का बनाया जा सके। योगी आदित्यनाथ ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने जो लोक कल्याण संकल्प पत्र जारी किया था, उसके 130 में से 97 संकल्प पहले बजट में ही शामिल कर लिए गए। उसी के अनुसार 100 दिन, छह माह, एक वर्ष, दो वर्ष और पांच वर्ष की कार्य योजना बनाई गई। 18 मंत्री समूह बनाकर मंडलों और जिलों में भेजा गया, ताकि विकास योजनाएं वास्तविक धरातल पर तेजी से बढ़ें। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मंत्रियों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने टीम वर्क के साथ काम किया और 100 दिन के लिए जो लक्ष्य रखे थे, उनसे बढ़कर प्रयास किए गए और सफलता भी मिली है। यह प्रगति रिपोर्ट स्पष्ट कर रही है कि अगले पांच वर्ष में सरकार किस दिशा में आगे बढ़ने वाली है।
कानून व्यवस्था के मामले में उपलब्धियां गिनाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आंकड़े बताकर संदेश देने का प्रयास किया कि भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति पर भी सरकार ने रफ्तार बढ़ा दी है। पहली बार ऐसा है, जब सड़क पर अलविदा की नमाज बंद हो गई। सड़क पर न ईद के कार्यक्रम होते हैं और न ही रामनवमी के। हालांकि मुख्यमंत्री ने इस व्यवस्था को जनविश्वास, जनसहयोग और सामंजस्य का परिणाम बताया।
मुख्यमंत्री मानते हैं कि प्रदेश में कानून का राज स्थापित हो, इस दिशा में जो प्रयास किए गए, उससे प्रदेश के बारे में लोगों की धारणा बदली है। सरकार ने 844 करोड़ रुपये की माफिया और पेशेवर अपराधियों की संपत्तियों को जब्त करके अपनी प्रतिबद्धता को एक बार फिर सिद्ध किया है। वर्ष 2017 से अब तक 2,925 करोड़ रुपये की अवैध संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं। अवैध पार्किंग और टैक्सी स्टैंड हटाने के लिए इस अवधि में विशेष अभियान चलाया गया। नगर निकायों ने मिलकर प्रदेश को व्यवस्थित स्वरूप दिया है। पहली बार हुआ है कि धर्म स्थलों से एक लाख बीस हजार से अधिक लाउडस्पीकर हटाए गए या उनकी आवाज को कम किया गया।
25 नवनिर्मित केंद्रों का लोकार्पण किया जा चुका है। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार के दूसरे कार्यकाल के महज 100 दिन में ही ठोस कोशिशें हुई हैं। सरकार ने बंजर, बीहड़ भूमि को कृषि योग्य बनाने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना के लिए 602 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं तो पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त नियमित अंतराल पर सभी 2.59 करोड़ किसानों को मिल रही है।
दूसरी ओर विपक्षी दलों ने सरकार की उपलब्धियों को निशाने पर ले लिया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार की उपलब्धियों को झूठ का पुलिंदा बताया है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार के 100 दिनों में सत्ता के दुरुपयोग से लोकतंत्र और कमजोर हुआ है।