कोटा। दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से आए विशेषज्ञ दल ने भारत का दौरा करने के बाद कोटा जिले के मुकुंदरा हिल्स अभ्यारण्य को चीतों के प्राकृतिक आवास के लिए सबसे अधिक बेहतर स्थान पाया है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के आमंत्रण पर पिछले महीने दक्षिण अफ्रीकी महाद्वीप के देश नामीबिया की चीतों के संरक्षण-पुनर्वास की दृष्टि से काम करने वाले विशेषज्ञों की एक टीम ने चीतों के पुनर्वास के स्थानों का आकलन करने के लिए भारत के तीन अभयारण्य क्षेत्रों कूनो नेशनल पार्क, गांधी सागर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी और मुकुंदरा हिल्स नेशनल पार्क का दौरा किया था। इनमें मुकुंदरा हिल्स नेशनल पार्क राजस्थान में है जो कोटा, झालावाड़ जिले और चित्तौड़गढ़ जिले में रावतभाटा के कुछ हिस्सों में फैला हुआ है। शेष दोनों अभयारण्य पड़ौसी राज्य मध्यप्रदेश में है।
इस टीम ने इन तीनों अभयारण्यों का 12 से 21 जून तक 10 दिन के गहन अध्ययन करने के बाद मुकुंदरा हिल्स नेशनल पार्क में भी केवल दरा अभयारण्य क्षेत्र के 80 वर्ग किलोमीटर के क्लोजर एरिया को चीतों के पुनर्वास एवं विचरण के लिए सबसे अधिक उपयुक्त स्थान पाया।
नामीबिया से आई टीम ने अपनी रिपोर्ट में दरा के 80 वर्ग किलोमीटर के क्लोजर को चीतों के पुनर्वास के लिए सबसे अधिक उपयुक्त स्थान-प्रजनन क्षेत्र माना था क्योंकि यहां पर्याप्त संख्या में चिंकारा, नीलगाय, जंगली सूअर, खरगोश आदि वन्यजीव है, लेकिन इस रिपोर्ट में क्लोजर की टूटी हुई फ़ेंसिंग-दीवार की मरम्मत एवं आवारा कुत्तों के प्रवेश पर रोक की आवश्यकता जताई थी जो कोई कठिन काम नहीं है। इस टीम ने सिफारिश की थी कि दरा का यह क्लोजर दो मादा और एक नर चीते के पुनर्वास के लिए सबसे अधिक उपयुक्त स्थान है।
उल्लेखनीय है कि भारत में चीते को वर्ष 1952 में ही विलुप्त वन्य जीव घोषित कर दिया गया था एवं शेष दुनिया में भी केवल दक्षिणी अफ्रीका के ट्रांसवाल प्रांत, नामीबिया और उसके पड़ोसी देश बोत्सवाना, जिंबाब्वे में इसका अस्तित्व बाकी रह गया है। पर्यावरण एवं वन्य जीव प्रेमियों की पिछले कई सालों से लगातार मांग के बाद केन्द्र सरकार ने देश के कुछ अभयारण्य में फिर से चीते बसाने के बारे में गंभीरता से प्रयास शुरू किया था।
नामीबिया (नाम्बिया) के विशेषज्ञों की टीम के पिछले महीने भारत दौरे से पहले केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, मध्यप्रदेश वन्यजीव विभाग और भारतीय वन्य संस्थान(ड़ब्लयूआईआई) ने फरवरी में नामीबिया का दौरा किया था। इस टीम के दौरे में नामीबिया से 35 से 40 चीते भारत लाने पर सैद्धांतिक सहमति बनी थी जिस पर एक लिखित समझौता होना प्रस्तावित किया गया था और इसी के तहत नामीबिया की टीम ने पिछले माह दरा सहित दो अन्य राज्यों के दो अभयारण्यों का दौरा किया था।
राज्य के पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह राजस्थान के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघों के साथ चीतों के पुनर्वास की लगातार मांग करते रहे हैं।