नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गुरूवार को लोहाघाट के कांग्रेस विधायक खुशाल सिंह का प्रार्थना-पत्र खारिज करते हुए इसमें उठाये गये बिन्दुओं पर 22 जुलाई तक लिखित जवाब देने के निर्देश दिये ।
भाजपा प्रत्याशी पूरन सिंह फर्त्याल ने सिंह के निर्वाचन को चुनौती दी है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी की एकलपीठ में हुई।
कांग्रेस विधायक की ओर से आज चुनाव याचिका के विरोध में सिविल प्रक्रिया संहिता (सीपीसी),1908 औँर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत दो प्रार्थना पत्र दाखिल किये गये थे। प्रतिवादी की ओर से कहा गया कि उन पर लगाये गये आरोप गलत हैं। ठेकेदारी को लेकर भी जो आरोप लगाये गये हैं, वह भी गलत हैं। उन्होंने पहले ही इस्तीफा दे दिया था।
उनकी ओर से बचाव में यह भी कहा गया कि वाद का कोई कारण नहीं बनता है। इसलिये चुनाव याचिका को खारिज किया जाये। अदालत ने उनकी मांग को अस्वीकार करते हुए दोनों प्रार्थना खारिज कर दिये। साथ ही उन्हें 22 जुलाई तक चुनाव याचिका में उठाये गये बिन्दुओं पर लिखित जवाब देने को कहा है। अदालत की ओर से यह भी कहा गया कि 26 जुलाई को वाद विरचित किये जायेंगे।
फर्त्याल की ओर से इसी साल 25 अप्रैल को दायर चुनाव याचिका में कहा गया कि कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन अवैध है। उन्होंने नामांकन पत्र के साथ शपथ पत्र जमा नहीं किया। यह जनप्रतिनिधत्व अधिनियम के विपरीत है। चुनाव याचिका में उनकी ठेकेदारी को लेकर भी आरोप लगाये गये हैं। याचिकाकर्ता की ओर से भी उनका निर्वाचन अवैध घोषित करने की मांग की गयी है।