नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पद का दुरुपयोग करने के मामले में गुरूवार को रूड़की नगर निगम के मेयर गौरव गोयल के खिलाफ दो महीने में कार्यवाही करने के निर्देश प्रदेश सरकार को दिये हैं।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की युगलपीठ ने ये निर्देश रूड़की निवासी अमित अग्रवाल की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के बाद जारी किये। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि मेयर गौरव गोयल के खिलाफ पद के दुरुपयोग के गंभीर आरोप हैं।
याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि मेयर ने जमीन की लीज नवीनीकरण के एक मामले में लीजधारक से 25 लाख रुपये की मांग की। इस मामले की शिकायत के बाद जब आवाज के नमूने को फोरेसिंक लैब जांच के लिये भेजा गया तो जांच रिपोर्ट में इसकी साफ पुष्टि हुई है।
यही नहीं मेयर पर निगम के एक कर्मचारी को झूठे मामले में फंसाने और उसकी पत्नी के कथित यौन शोषण के भी आरोप हैं। इस मामले में पुलिस की जांच रिपोर्ट पर निचली अदालत की ओर से सवाल उठाये गये और पुलिस पुनः जांच के निर्देश दिये गये। याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया कि सरकार मेयर को बचा रही है और कोई कार्यवाही नहीं कर रही है।
दूसरी ओर निगम की ओर से कहा गया कि याचिका राजनीति से प्रेरित है और पोषणीय (मेंटनेबल) नहीं है। लीज बढ़ाने के बदले पैसे मांगने के मामले में पुलिस की ओर से जांच की जा रही है। अभी अंतिम रिपोर्ट नहीं आयी है।
याचिकाकर्ता की ओर से हालांकि मेयर के कामकाज पर रोक लगाने की मांग की गयी लेकिन अदालत ने इसे अनसुना कर दिया और प्रदेश सरकार को नगर निगम की धारा 16 के प्रावधानों के तहत दो माह में कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं।
उल्लेखनीय है कि कथित विवादों के चलते हाल ही में मेयर श्री गोयल को भारतीय जनता पार्टी की ओर से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। उन्हें छह साल के लिये पार्टी से बाहर कर दिया गया है।