चेन्नई। भारतीय अतंरिक्ष कार्यक्रम एक ओर मील का पत्थर लगाने जा रहा है जब रविवार को श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केन्द्र से पहला लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) की पहली उड़ान जो पृथ्वी अवलोकन उपग्रह 2 (ईओएस ) और एक सह यात्री उपग्रह आजादी सेट को पृथ्वी के निचले कक्ष में ले जायेगी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को कहा कि कल सतीश धवन अंतरिक्ष के केन्द्र से एसएसएलवी डी1 (पहली विकास उड़ान) का प्रक्षेपण 142 किलो ईओएस-02 को लेकर , छह मीटर रिजॉल्यूशन के साथ इन्फ्रारेड कैमरा से युक्त है और माइक्रो उपग्रह की पहली उड़ान होगी।
इसरो सूत्रों ने कहा कि एसएसएलवी डी1/इओएस-02 मिशन की उल्टी गिनती उड़ने से करीब साढ़े छह घंटे पहले शुरु हो जायेगी। यह उड़ान लगभग 13 मिनट की होगी।
एसएसएलवी इसरो का नया प्रक्षेपण यान है जो मिनी, माइक्रो या नैनो उपग्रहों को 500 किमी तलीय कक्षा में प्रक्षेपित करने में सक्षम है।
एसएसएलवी के डिजाइन ड्राइवर कम लागत, कम समय, कई उपग्रहों को समायोजित करने में लचीलापन, न्यूनतम लॉन्च आधारभूत आवश्यकताएं आदि हैं।
ईओएस-02 एक प्रायोगिक ऑप्टिकल रिमोट सेंसिंग उपग्रह है तथा अंतरिक्ष यान की सूक्ष्म उपग्रह श्रृंखला से संबंधित है तथा इसका मिशन उद्देश्य थर्मल पर इनपुट प्रदान करने के अलावा इमेजिंग पेलोड के साथ एक चुस्त और प्रयोगात्मक उपग्रह का डिजाइन और विकास करना था।
आठ किलो का आज़ादीसैट 8यू क्यूबसैट है। यह लगभग 50 ग्राम वजन वाले 75 विभिन्न पेलोड वहन करता है और देश भर के ग्रामीण क्षेत्रों की छात्राओं को निर्माण के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगा। ये पेलोड स्पेस किड्ज इंडिया की छात्र टीम द्वारा एकीकृत किए गए हैं