कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में कप्तानगंज थाना क्षेत्र के निवासी हरी साहनी को पॉक्सो अदालत के विशेष न्यायाधीश अमित कुमार तिवारी ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराते हुए 14 साल के सश्रम कारावास व बीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है।
विशेष अभियोजक, (पॉक्सो एक्ट) फूलबदन व अजय कुमार गुप्ता ने शुक्रवार को यह बताया कि 30 मई 2015 को इस मामले में कप्तानगंज थाने में हरी साहनी के खिलाफ दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। वादी ने अपनी तहरीर में कहा था कि उसकी नाबालिग बेटी 30 मई 2015 को शौच करने गन्ने के खेत में गयी थी। तभी गांव का हरी साहनी वहां पहुंचा और बेटी को उठाकर किनारे झोपड़ी में ले गया।
अभियोजन पक्ष ने उस पर दुष्कर्म कर फरार होने का आरोप लगाया। तहरीर के मुताबिक लड़की के चिल्लाने पर जब उनका बेटा वहां पहुंचा तो हरी को भागते देखा। घर आकर बेटी ने घटना की विस्तार से जानकारी दी।
पीड़ित पक्षकार ने इसकी सूचना कप्तानगंज थाने में दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। साक्ष्य जुटा कर विवेचना के उपरांत पुलिस ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। अदालत ने साक्ष्य व गवाहों के बयान के आधार पर हरी साहनी को दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट दोनों मामलों में दोषी पाया।
मुदकमे के दौरान कुल 9 गवाहों का अदालत में परीक्षण हुआ। गुरुवार को अदालत ने हरी साहनी को 14 साल के सश्रम कारावास व बीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी। अभियुक्त जेल से ही पेशी पर लाया गया था। सजा सुनाये जाने के बाद उसे फिर से जेल भेज दिया गया।