एनडीटीवी में आरआरपीआर के शेयरों के अधिग्रहण के लिए सेबी की अनुमति जरूरी नहीं:अडानी – Polkhol

एनडीटीवी में आरआरपीआर के शेयरों के अधिग्रहण के लिए सेबी की अनुमति जरूरी नहीं:अडानी

दिल्ली। समाचार प्रसारक एनडीटीवी और उद्यम हस्ती गौतम अडानी के समूह के बीच हिस्सेदारी अधिग्रहण को लेकर खींचतान शुक्रवार को उस समय और तेज हो गयी जब प्रणय रॉय और राधिका रॉय द्वारा स्थापित मीडिया कंपनी के दावों को खारिज करते हुए अडानी समूह ने कहा कि इस टी वी प्रसारण कंपनी में आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लि (आरआरपीआर) की 29 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए उसे बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से किसी पूर्व स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है।

अडानी समूह ने बीएसई और एनएससी शेयर बाजार में एक नियामक सूचना में एनडीटीवी के प्रवर्तकों के इस दावे खारिज किया है कि उसके समूह की कंपनी विश्वप्रधान कामर्शियल प्राइवेट लि (वीसीपीएल) द्वारा आरआरपीआर के वारंट को इक्विटी शेयर में बदलने के लिए सेबी के एक निर्णय के अनुसार नियामक की मंजूरी जरूरी थी। अडानी समूह ने कहा है कि आरआरपीआर की ओर से वीसीपीएल को 23 अगस्त को वारंट को इक्विटी में बदलने के नोटिस का जवाब मिला है जिसमें आरआरपीआर ने कहा है कि सेबी के 27 नवंबर 2020 के आदेश के अनुसार वारंट को इक्विटी में बदलने के लिए सेबी की अनुमति की जरूरत है।

अडानी समूह ने शेयर बाजारों से कहा है कि सेबी के उस आदेश में आरआरपीआर कोई पक्ष नहीं है, इसलिए वह आदेश आरआरपीआर के संबंध में लागू नहीं होता। अडानी समूह ने यह भी कहा है कि आरआरपीआर द्वारा जारी वारंट को इक्विटी शेयर में बदलने का नोटिस दोनों कंपनियों के बीच एक अनुबंध के तहत जारी किया गया था जो आरआरपीआर पर बाध्यकारी है। आरआरपीआर अनुबंध के दायित्वों के अनुपालन के लिए बाध्य है।

अडानी समूह ने कहा है कि वारंट लागू कराने के नोटिस के आधार पर आरआरपीआर द्वारा अपने दायित्व को पूरा करने के लिए की गयी कार्रवाई से सेबी के उस आदेश का उल्लंघन नहीं होगा क्योंकि आरआरपीआर द्वारा वीसीपीएल को शेयर आवंटित करने में श्री प्रणव रॉय और श्रीमती राधिका रॉय के शेयरों का कोई प्रत्यक्ष या परोक्ष लेन-देन नहीं होगा। इससे पहले टीवी चैनल परिचालक एनडीटीवी ने मंगलवार को कहा था कि अडानी समूह की ओर से उसके अधिग्रहण के संबंध में जो घोषणा की गयी है वह एनडीटीवी के संस्थापक राधिका और प्रणव रॉय की बिना सहमति के है।यह बयान अडानी समूह की उसी दिन (23 अगस्त 2022) की उस घोषणा के बाद आया है कि वह एनडीटीवी की 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी अप्रत्यक्ष रूप से हासिल कर रहा है और बाजार नियामक सेबी के नियमों के तहत 26 प्रतिशत और हिस्सेदारी अधिग्रहीत करने के लिए शेयरधारकों के समक्ष खुला प्रस्ताव रखेगा।

अडानी समूह ने कहा है कि वह बाजार में सूचीबद्ध टीवी चैनल की 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी समूह की कंपनी वीसीपीएल के पास एनडीटीवी समूह की प्रवर्तक कंपनी के वारंट को शेयर में बदल कर हासिल कर रहा है।वीसीपीएल अडानी समूह की मीडिया कंपनी एएमजी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड (एएमएनएल) की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है।एनडीटीवी ने अडानी समूह के बयान के बाद शेयर बाजार बीएसई को दी गयी सूचना में कहा, “एनडीटीवी और कंपनी के संस्थापक यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि वीसीपीएल ने जिस अधिकार का प्रयोग किया है, वह एनडीटीवी के संस्थापकों की किसी जानकारी, उनके साथ किसी बातचीत या उनकी सहमति के बिना किया गया है और उन्हें एनडीटीवी की ही तरह इस अधिकार के प्रयोग के बारे में आज ही अवगत कराया गया। ”

एनडीटीवी दाखिल सूचना में कहा गया है, “ यहां तक कि अभी कल ही एनडीटीवी ने इस शेयर बाजार को सूचित किया था कि उसके संस्थापकों की शेयरधारिता में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। ”

किसी चर्चा के एक नोटिस जारी कर दिया कि वह आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड की 99.5 शून्य प्रतिशत हिस्सेदारी को अधिग्रहीत करने की अधिकार का प्रयोग कर रही है। आरआरपीआर एनडीटीवी के प्रवर्तक समूह की कंपनी है और इस प्रसारण कंपनी में 29.18 प्रतिशत की हिस्सेदार है।

एनडीटीवी की तरफ से कहा गया है कि वीसीपीएल ने शेयर अधिग्रहण का नोटिस एनडीटीवी के संस्थापकों राधिका एवं प्रणव रॉय द्वारा 2009-10 में उसके साथ कर्ज के लिए किये गये करार की शर्तों के अनुसार भेजा है। नाेटिस में कहा गया है कि वह आरआरपीआरएच के 19 लाख 90 हजार वारंट को 10 रुपये प्रति शेयर के भाव से इक्विटी शेयर में बदलने के अधिकार का प्रयोग किया है और उसने इसके लिए आरआरपीआरएच को 1.99 करोड़ रुपये हस्तांतरित कर दिये हैं।

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