अयोध्या। उत्तर प्रदेश में राम नगरी अयोध्या में स्थित पाैराणिक महत्व की समदा झील को संवारने का दायित्व योगी सरकार ने अपने कंधों पर लिया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से मंगलवार को दी गयी आधिकारिक जानकारी के मुताबिक अयोध्या से लगभग 20 किमी दूर सोहावल तहसील की तीन ग्राम पंचायतों में 67 एकड़ क्षेत्रफल में फैली समदा झील, इस इलाके की सबसे झील है। राज्य सरकार द्वारा इसके जीर्णोद्धार का काम तेजी से कराया जाना शुरु कर दिया है।
जानकारों के मुताबिक अयोध्या की समदा झील ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व की है। पौराणिक मान्यता है कि यह झील प्रभु श्रीराम के समय से ही अस्तित्व में है। कहा जाता है कि यहां से प्रवाहित होने वाली समदा नदी जब सूख गई तो उस समय अपने अवशेष के रूप में नदी इस झील को छोड़ गयी। जिसे आज समदा झील के रूप में जाना जाता है।
पौराणिक मान्यता है कि इस झील के आसपास पक्षियों के झुंड प्रभु श्री राम का गुणगान करते थे। मान्यता है कि उस समय स्थानीय लोग पक्षियों की मधुर आवाज सुनने के लिये झील के किनारे बैठे रहते थे। सरकार का दावा है कि इस झील के जीर्णोद्धार को लेकर जिला प्रशासन 2017 के पहले भी प्रयास कर चुका है, लेकिन मोटा बजट खर्च करने के बावजूद इसकी दुर्दशा में काेई सुधार नहीं हुआ। सूबे में योगी सरकार बनने पर इस दिशा में प्रयास तेज किये गये।
इस झील की विशेषता यह भी है कि यहां स्थानीय पक्षियों के साथ, साइबेरिया, नेपाल और ऑस्ट्रेलिया से आने वाले प्रवासी पक्षियों का भी जमावड़ा देखा जाता है। आसपास के जनपदों के लोग यहां के विहंगम दृश्य का लुत्फ लेने पहुंचते हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो झील के कायाकल्प के बाद यहां पक्षियों के लिए भी सुरक्षा का माहौल तैयार हो जाएगा।
योगी सरकार की मंशा पर इस झील का जीर्णोद्धार अयोध्या विकास प्राधिकरण की ओर से कराया जा रहा है। अवर अभियंता प्रमोद कुमार शर्मा ने बताया कि अभी झील के चारों ओर बंधा बनाने के लिये मिट्टी डालने का काम चल रहा है। यहां लगभग 75 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है। यह प्रोजेक्ट मई में शुरू किया गया था, अक्टूबर तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है। इस पर 8.33 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। शेष कार्य दूसरे चरण में किया जाएगा।