दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि अगले 20 वर्षाें में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भारत की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत होगी।
सीतारमण ने यू एस चैंबर ऑफ कॉमर्स के यू एस इंडिया बिजनेस कांउसिल के इंडिया आइडियाज शिखर सम्मेलन 2022 का यहां शुभारंभ करते हुये कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार और विविधता, उपलब्ध मानव श्रम और डिजिटल लेनदेने में हो रही बढोतरी के बल पर अगले 20 वर्षों में वैश्विक जीडीपी में भारत की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत हो सकती है और इसको लेकर वह आशान्वित भी हैं।
उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया भारत और अमेरिका वैश्विक विकास का वाहक बन जायेंगे। दोनों देश कठिनाई और चुनौतीपूर्ण इस समय में वैश्विक बेहतरी के लिए भागीदारी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षाें में भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूती प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण काम हुये हैं। दोनों देश एक दूसरे की समस्याओं और चुनौतियों को समझते हैं तथा इन से उबरने के लिए एक साथ मिलकर काम कर सकते हैं। लोकतंत्र में विश्वास आर्थिक, ऊर्जा सुरक्षा, जारी संघर्ष और अनिश्चितता भरे महौल जैसे एक समान चुनौतियों से निपटने में मददगार हो सकती है।
इस दौरान एक परिचर्चा में उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकताओं में रोजगार, धन संपदा का समान वितरण और भारत को विकास के पथ पर आगे बढ़ाना शामिल है। उन्होंने कहा कि एक दूसरे से मेलजोल और विचारों के आदान प्रदान को नीतियों में शामिल किया गया है।
वित्त मंत्री ने आश्वस्त किया कि डेटा गोपनियता को लेकर एक नया विधेयक शीध्र ही तैयार हो रहा है और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव इस पर गंभीरता से काम कर रहे हैं।