दिल्ली। मध्यप्रदेश में जबलपुर के चित्रकार रामकृपाल नामदेव पर किशोरावस्था से ही स्वर-साम्राज्ञी लता मंगेशकर के मधुर कंठ का ऐसा प्रभाव था कि उन्होंने आगे चल कर उनकी एक पेंटिंग के भीतर लताजी के 930 चेहरे बना डाले।
‘चित्रलतिका’ पेंटिंग से ख्याति पाने वाले श्री नामदेव ने यूनीवार्ता से बातचीत में कहा कि कई वर्षों की चित्रकारी करने के बाद उन्होंने वर्ष 2012 में लता मंगेशकर की एक पेंटिंग के भीतर उनके 930 चेहरे उकेरे। उनकी यह पेटिंग यहां राष्ट्रीय राजधानी के ललित कला संस्थान में बुधवार को सम्पन्न चित्रकला प्रदर्शनी ‘आकार 2022’ में प्रदर्शित की गयी थी। श्री नामदेव जी कई विषयों पर आधारित पेंटिग बनाते हैं।
उन्होंने बताया कि उन्होंने 2014 में मुंबई में लताजी के घर जाकर उनको पेंटिंग समर्पित की थी और उन्होंने इस पेंटिंग को काफी सराहा था। इस पेंटिंग को वर्ष 2016 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया जा चुका है।
श्री नामदेव ने कहा,“ मैं बचपन से ही लता दीदी का प्रशंसक रहा हूं। उनके गाने सुनने से मुझे सुकून मिलता है। मैं जब उनके घर गया, उन्होंने मेरा बहुत ही विनम्रता के साथ स्वागत किया था। उस वक्त मुझे ऐसा लगा था, जैसे साक्षात सरस्वती मां के दर्शन कर रहा हूं। लता दीदी ने मुझे अपने जीवन से जुड़े कई किस्से सुनाए, जिससे प्रेरित होकर, अब मैं एकाग्रचित मन से उनकी पेंटिंग पर ध्यान केन्द्रित कर पा रहा हूं। वह मेरे लिए हमेशा प्रेरणादायी रहेंगी।”
सुश्री लता मंगेशकर गत छह फरवरी को इस दुनिया से विदा हो गयीं।
उन्होंने कहा कि मुंबई के जहांगीर आर्ट गैलरी में अप्रैल 2022 में प्रदर्शनी लगी थी। इस प्रदर्शनी में उन्होंने अपनी कई पेंटिंग लगाई थी। इनमें से एक पेंटिंग की बिक्री 40 हजार रुपये में हुई थी। इस पेंटिंग में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लता दीदी को पुरस्कार देते हुए चित्रित किये गये हैं।
श्री नामदेव ने बताया कि वह अब तक लताजी की पांच-छह पेंटिंग बेचकर करीब एक लाख रुपये अर्जित कर चुके हैं। इसमें से एक पेंटिंग उनके आस्ट्रेलिया में रहने वाले एक रिश्तेदार ने 50 हजार रुपये में खरीदी थी। इसके अलावा देवी सरस्वती की एक पेंटिंग एक लाख रुपये में बिकी थी।
श्री नामदेव ने दिल्ली में 2017 में पहली बार लता मंगेशकर के चित्रों की प्रदर्शनी लगाई थी। उसके बाद से वह अब तक लगातार उनकी प्रदर्शनी लगा रहे हैं और यह लता जी पर उनकी 12वीं प्रदर्शनी है। उन्होंने बताया कि एक तरफ वह लता की पेंटिंग बनाते हैं तो दूसरी तरफ उनके गीत बजते रहते हैं।
उन्होंने कहा कि लता जी पर पेंटिग बनाना आनंदमय और सुखमय होता है।
राष्ट्रीय राजधानी के ललित कला संस्थान में एक से सात सितंबर तक आयोजित ‘आकार 2022’ प्रदर्शनी में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए चित्रकारों ने अपने-अपने शीर्षक पर आधारित पेंटिग और मूर्ति शिल्प प्रदर्शित किए थे।