गांधीनगर। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा है कि गुजरात की भाजपा सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ‘जो कहना, वह करना’ और ‘जो करना, वही कहना’ ऐसी कार्य संस्कृति अपनाई है।
पटेल ने कहा कि झूठे वादे कर सत्ता हासिल करने की होड़ में लगे लोग कभी भी सच्चा विकास नहीं कर सकते। उन्होंने बुधवार को गांधीनगर में आयोजित धोबी समाज के स्नेह मिलन समारोह में यह बात कही। इस अवसर पर धोबी समाज के अग्रणियों ने मुख्यमंत्री का भावभीना अभिवादन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात सरकार का वित्तीय प्रबंधन देश भर में अव्वल दर्जे का है। जरूरतमंदों को सहायता करने तथा गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए सरकार कभी पीछे नहीं हटी है और आगे भी नहीं हटेगी। उन्होंने कहा कि अब तो श्री मोदी ने सरकारी योजनाओं के सेचुरेशन का विचार दिया है। योजनाओं का लाभ करोड़ों नागरिकों को घर बैठे मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार सभी समाज-वर्गों के सामूहिक उत्कर्ष के लिए कर्तव्यरत है, जहां जिसे जैसी भी जरूरत होगी, वहां सरकार उसके साथ खड़ी है, लेकिन हमें रेवड़ी कल्चर में नहीं फंसना है। इस राह पर चलने वालों की हालत क्या हुई है, यह सभी लोग जानते हैं।
पटेल ने कहा कि किसी भी समाज की उन्नति के लिए शिक्षा बहुत ही आवश्यक है। परंपरागत व्यवसाय, धंधा-रोजगार में भी समयानुकूल बदलाव आवश्यक है और यह योग्य शिक्षा से ही आ सकता है। उन्होंने कहा कि गुजरात में शिक्षा व्यवस्था बहुत ही अच्छी है। सेक्टोरल यूनिवर्सिटीज, प्रोफेशनल पाठ्यक्रम और आधुनिक शिक्षा व्यवस्था की गुजरात में कमी नहीं है। नतीजतन, राज्य में हजारों-लाखों की संख्या में डॉक्टर और इंजीनियर जैसे अत्यधिक कुशल पेशेवर पढ़-लिखकर तैयार हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी के सुशासन के परिणामस्वरूप कोरोना महामारी में भी देश और गुजरात की अर्थव्यवस्था पर ब्रेक नहीं लगा है। विकास कार्य भी नहीं रुके हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनी है। उन्होंने कहा कि गुजरात को अब डबल इंजन सरकार का लाभ मिल रहा है। ऐसे में प्रत्येक समाज को राज्य की विकास यात्रा से जुड़कर ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ सूत्र को चरितार्थ करना चाहिए।
कार्यक्रम में बख्शी आयोग मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष भगवानदास, धोबी समाज के अग्रणी सर्वश्री व्रजकिशनभाई धोबी, महेशभाई धोबी, शशिकांतभाई धोबी और अशोकभाई धोबी सहित बड़ी संख्या में धोबी समाज के लोग उपस्थित रहे।