नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने खटीमा के निलंबित क्षेत्र पंचायत प्रमुख रंजीत सिंह नामधारी के निलंबन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को उन्हें कोई राहत नहीं दी।
नामधारी की ओर से सरकार के निलंबन आदेश को एक याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई है। इस मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की पीठ में हुई। सरकार की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता पर गंभीर आरोप हैं। प्रारंभिक जांच में आरोपों की आंशिक पुष्टि हुई है।
आरोपी के खिलाफ पंचायती राज अधिनियम, 2016 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गयी है। आरोपी पर लाखों रुपए के गबन के आरोप हैं। सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि आरोपी पर अपने पिता को भी विकास कार्य आवंटित करने के आरोप हैं। सरकार की ओर से याचिकाकर्ता के निलंबन के खिलाफ स्थगनादेश की मांग का भी विरोध किया गया।
याचिकाकर्ता की ओर से उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता अदालत में पेश हुए और पैरवी की गयी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि उसके खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। अदालत ने याचिकाकर्ता की निलंबन आदेश के खिलाफ स्थगनादेश जारी करने से इन्कार कर दिया। साथ ही सरकार को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।
अदालत की ओर से जांच पर भी रोक नहीं लगायी गयी है और सरकार को निर्देश दिए कि जांच रिपोर्ट पर अदालत के आदेश तक कोई कार्यवाही नहीं करे।
गौरतलब है कि शासन ने खटीमा निवासी चंद्रशेखर मुंडिया की शिकायत पर पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्यवाही करते हुए नामधारी को पिछले महीने 10 अगस्त को निलंबित कर दिया था।