गौतमबुद्धनगर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य में डेयरी किसानों की सहूलियतों में इजाफा कर इनके जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिये उनकी सरकार सतत प्रयास कर रही है।
योगी ने सोमवार को यहां ग्रेटर नोएडा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय डेयरी सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में अगले साल जनवरी में ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ का आयोजन प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में डेयरी सेक्टर से जुड़े उद्योगों को खास तौर से बढ़ावा देने पर जोर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि डेयरी क्षेत्र से जुड़े किसानों एवं पशुपालकों के जीवन में परिवर्तन लाने और उन्हें रोजगार सृजन के साथ निवेश की संभावनाओं से जोड़ने पर काम किया जा रहा है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 48 साल बाद भारत में आयोजित हो रहे इस सम्मेलन का उद्घाटन किया। चार दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए योगी ने डेयरी क्षेत्र से किसानों की आर्थिक समृद्धि के मार्ग को सुलभ बताया।
उन्होंने इसके सफल मॉडल का जिक्र करते हुए कहा कि महिलाओं के स्वयं सहायता समूह उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में ‘बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर’ संस्था का संचालन हो रहा है। उन्होंने बताया कि सहकारिता के सिद्धांत पर आधारित यह समूह पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित है। इस समूह द्वारा प्रतिदिन 1.35 लाख लीटर दूध का कलेक्शन होता है। इसका लगभग 150 करोड़ रुपये का वार्षिक टर्नओवर है। इसतें 13 करोड़ रुपये शुद्ध लाभ शामिल है।
योगी ने कहा कि प्रदेश में गोवंश के संरक्षण के लिये 6,600 से अधिक गोआश्रय स्थल सरकार के स्तर पर संचालित हैं। ‘सहभागिता योजना’ के अंतर्गत किसानों व पशुपालकों को 1.50 लाख गोवंश उपलब्ध कराकर पशुओं के संरक्षण के लिए एक निश्चित धनराशि भी सरकार दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन व भारत सरकार के सहयोग से राज्य सरकार अपने अन्नदाता किसानों व पशुपालकों के स्वावलंबन के लिए निरंतर कार्य कर रही है।