नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तरकाशी विधानसभा की पुरोला नगर पंचायत के अंतर्गत मुख्यमंत्री की घोषणा एवं वित्तीय अनुमोदन के बावजूद बस-टैक्सी पार्किंग के निर्माण को रद्द करने के मामले में सरकार से चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की युगलपीठ ने पुरोला नगर पंचायत के अध्यक्ष हरिमोहन सिंह की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद मंगलवार को ये आदेश जारी किये। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चुनाव से पूर्व 23 दिसंबर और 04 जनवरी, 2021 को पुरोला नगर पंचायत के विभिन्न वार्डों में 16 विकास कार्यों की घोषणा की।
इसके तहत विभिन्न वार्डों में मार्गों का निर्माण, बस/टैक्सी पार्किंग का निर्माण, खेल मैदान की चाहरदीवारी, जिम पार्क और नाली का निर्माण के साथ ही इंटर लांकिंग टाइल्स लगाना शामिल था। सरकार की ओर से इन कार्यों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) भी मांगी गयी।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि इनमें से कुछ कार्यों की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति भी दे दी गयी और इन पर काम भी शुरू कर दिया गया, लेकिन स्थानीय लोगों की शिकायत पर सरकार की ओर से 21 जुलाई, 2022 को एक आदेश जारी कर कुछ कार्यों को रद्द कर दिया गया।
कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज करायी थी कि बस-टैक्सी स्टैंड बनाये जाने के लिये जिस पहाड़ी को काटने का काम किया जा रहा है, उससे प्राकृतिक आपदा का खतरा बढ़ गया है। इसके बाद शहरी विकास विभाग की ओर से नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी से जवाब मांगा गया।
इसके बाद 21 जुलाई, 2022 को सरकार ने एक आदेश जारी कर पार्किंग के निर्माण कार्य को रद्द कर दिया। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि इस बारे में मुख्यमंत्री को प्रत्यावेदन सौंपा गया, लेकिन इस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।