कांग्रेस की यात्रा में माओवादी शामिल होने की बना रहे हैं योजना: भाजपा

बेंगलुरु। भारतीय जनता पार्टी के सांसद लहर सिंह सिरोया ने सोमवार को संकेत दिया कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के कर्नाटक चरण में माओवादी शामिल होने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सिद्धारमैया से इस बारे में देश और कर्नाटक की जनता को स्पष्टीकरण देने का आग्रह किया।

सिरोया ने 10 सूत्री सवालों में कांग्रेस से इस बात की पुष्टि करने को कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के कर्नाटक चरण का हिस्सा नक्सली, माओवादी और उनसे सहानुभूति रखने वाले नहीं हैं। उन्होंने पूछा,“क्या ये लोग इस यात्रा की योजना बनाने में शामिल थे?”

सिरोया ने कांग्रेस से इस बात की पुष्टि करने के लिए कहा कि क्या उनकी पार्टी के कुछ सदस्यों ने हाल के वर्षों में नक्सलियों को मीडिया आउटलेट बनाने और चलाने के लिए धन एकत्रित करने में सहायता की है। उन्होंने पूछा, “क्या कांग्रेस इन लोगों के आय के स्रोतों की जांच करने के लिए सहमत होगी?”

भाजपा सांसद ने यह भी पूछा, “क्या सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली सरकार ने जानबूझकर इसे अनदेखा किया की नक्सलियों और माओवादियों ने अपने अभियानों को मजबूती प्रदान करने के लिए एक प्रसिद्ध पत्रकार की मौत का फायदा उठाया।”

उन्होंने जानना चाहा, “क्या सिद्धारमैया के दोस्तों ने नक्सलियों और माओवादियों को पत्रकार के लिए स्मरण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए आर्थिक और लॉजिस्टिक सहायता दी थी?” साथ ही पूछा,“क्या उन्होंने कर्नाटक में कृषि कानूनों के खिलाफ हाल में किए गए किसान आंदोलन को भी हाईजैक किया था?”

सिरोया ने सिद्धारमैया से यह भी पूछा कि क्या उनकी सरकार की नीतियां नक्सलियों और माओवादियों के लिए थी। उन्होंने कहा, “ सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पीएफआई के प्रति नरम दिल रखती है तो क्या वह नक्सल और माओवादियों के प्रति भी नरम है, क्यों उनके शासनकाल में भूमिगत लोग सतह पर आ जाते हैं।”

सिरोया ने सिद्धारमैया से पूछा कि क्या उन्होंने कभी भी नक्सलियों और माओवादियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए दबाव डाला, लेकिन आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की बात की। उन्होंने कहा, “हाल ही में जब पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई हुई तो सिद्धारमैया के आरएसएस के खिलाफ भी कार्रवाई की बात की लेकिन क्या उन्होंने कभी नक्सलियों और माओवादियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है?”

सिरोया ने सिद्धारमैया से पूछा,“क्या उन्होंने कभी उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जिन्होंने उन्हें चीन समर्थित कार्यक्रम में आमंत्रित किया था, जो ताइवान में अमेरिकी हस्तक्षेप के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन था।”

उन्होंने कहा कि हाल ही में सिद्धारमैया पहले ताइवान में अमेरिकी हस्तक्षेप के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन वाले एक चीन समर्थित कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए सहमत हुए, लेकिन सार्वजनिक मुद्दा बनने के बाद अचानक पीछे हट गए? उन्होंने कहा,“क्या श्री सिद्धारमैया ने ऐसे समारोह के आयोजन में शामिल अपने दोस्तों और पार्टी के लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की?”

सिरोया ने सवाल किया, “अगर ये सभी निष्कपट हैं तो क्या कांग्रेस नेता कर्नाटक में नक्सलियों और माओवादियों और उनसे सहानुभूति रखने वालों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांच की मांग करेंगे।”

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