दिल्ली। अपर कृषि सचिव अभिलक्ष लेखी ने पंजाब में किसानों के पराली जलाने से रोकने के लिए निचले स्तर पर ठोस कार्य योजना तैयार करने का राज्य सरकार से अनुरोध किया है जिससे पर्यावरण प्रदूषण को रोका जा सके तथा मिट्टी की गुणवत्ता बरकरार बनी रहे।
लेखी ने पंजाब के खड़र तहसील के रंगिया गांव में फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित कार्यक्रम में किसानों से बातचीत के दौरान कहा कि फसल अवशेष को वैज्ञानिक तरीके से नष्ट करने के लिए प्रभावशाली तरीके से मशीनों तथा बाये डिकम्पोजर का व्यापक उपयोग करने के लिए ठोस कार्य योजना बनायी जानी चाहिये । उन्होंने कहा कि बायोएथनाल तथा कई अन्य उत्पाद बनाने के लिए उद्योग अब फसल अवशेष का उपयोग करने लगे हैं जिसे बढावा दिया जाना चाहिये। इस संबंध में प्रचार प्रसार और ग्रामीण मेले के माध्यम से किसानों में जागरुकता पैदा की जानी चाहिये।
उन्होंने कहा कि पराली जलाने से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण होता है जिसकी रोकथाम के लिए केन्द्र सरकार मशीनों की खरीद पर पचास प्रतिशत अनुदान देती है। यह योजना 2018-19 से शुरु की गयी है और किसानों को इसके लिए अर्थक मदद दी जाती है । वर्ष 2021-22 तक इसके लिए 2440 करोड़ रुपये से अधिक जारी किये गये हैं।