210 साल पुरानी रामलीला को रुकवाने से नाराज महंत ने अन्न जल त्यागा – Polkhol

210 साल पुरानी रामलीला को रुकवाने से नाराज महंत ने अन्न जल त्यागा

कानपुर देहात।  उत्तर प्रदेश में कानपुर देहात के थाना शिवली में लगभग 210 साल से हो रही रामलीला के मंचन की अनुमति उपजिलाधिकारी (एसडीएम) ने नहीं दी, इससे नाराज एक महंत ने अन्न जल त्याग दिया।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक बीते रविवार को देर रात तक किसी आयोजन की पूर्व अनुमति नहीं लिये जाने के कारण एसडीएम ने रामलीला को रुकवा दिया था। इससे नारज महंत और रामलीला कमेटी के अध्यक्ष स्थानीय लोगों के साथ धरने पर बैठ गये।

इन लोगों ने जिलाधिकारी से लिखित शिकायत कर एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। वही, जिला प्रशासन ने मंगलवार को इलाके में स्थिति को तनावपूर्ण होते देख सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल मौके पर तैनात कर दिया है।

दरअसल कानपुर देहात के शिवली में साकेत धाम मंदिर पर प्रति वर्ष की भांति इस साल भी 210वीं रामलीला का मंचन रविवार की देर रात हो रहा था। इस दौरान रात लगभग 12:00 से 1:00 के बीच मैथा के एसडीएम महेंद्र कुमार पहुंचे और रामलीला को बंद करवा दिया। इस दौरान क्षेत्रीय लोगों ने जब कारण पूछा तो एसडीएम ने अनुमति ना होने की बात कही। दूसरी ओर धार्मिक कार्यक्रम का हवाला देते हुए लोगों ने रामलीला को चालू रखने की बात कही, लेकिन एसडीएम ने महंत व क्षेत्रीय लोगों की बात को अनसुना कर दिया। इससे क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश भड़क गया। स्थानीय लोगों की नाराजगी को बढ़ता देख एसडीएम स्थल से चले गए।

रामलीला समिति के अध्यक्ष वैभव तिवारी ने कहा कि 10 दिन पूर्व ही अनुमति मांगी गई थी। उनके आवेदन पर सभी जगह से आख्या लगकर एसडीएम कार्यालय में पहुंच भी गई थी। सभी विभागों की आख्या होने के बावजूद भी एसडीएम ने अनुमति पत्र पर दस्तखत ही नहीं किये।

तिवारी ने बताया कि 210 साल से रामलीला हो रही है। इस स्थान को लीला मंचन की जन्मस्थली माना जाता है। उन्होंने कहा कि आज तक कभी भी किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हुई और ना ही किसी ने रामलीला को रुकवाया है। पहली बार रामलीला का मंचन रुकवाया गया है। इससे नाराज होकर स्थानीय लोगों ने एसडीएम के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *